भारत समेत दुनिया के कई देशों में जारी कोरोना वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) रिसर्च अपने अंतिम चरण में है. मॉडर्ना और फाइजर ने तो वैक्सीन ट्रायल पूरे होने का दावा भी कर दिया है और वैक्सीन को 95% तक सुरक्षित भी बताया है. कई कंपनियों ने ट्रायल में अच्छे परिणाम को देखते हुए बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू कर दिया है तो बड़े देशों के बीच इनकी खरीद और सौदों को लेकर होड़ मच गई है. ऐसे में भारत ने भी 150 करोड़ से अधिक डोज खरीद के लिए एडवांस बुकिंग करा दी है.
वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19 वैक्सीन डोज खरीद प्रतिबद्धता के मामले में भारत तीसरे नंबर पर है. भारत से पहले अमेरिका और यूरोपीय यूनियन का नंबर है. यह रिपोर्ट ड्यूक यूनिवर्सिटी के लॉन्च और स्केल स्पीडोमीटर इनिशिटिव पर आधारित है, जो निम्न आय वर्ग वाले देशों में हेल्थ इनोवेशन की पहुंच में बाधक बनने वाले वजहों का अध्ययन कर रहा है. ‘लॉन्च एंड स्केल स्पीडोमीटर इनिशिएटिव’ के मुताबिक, ‘कोविड-19 वैक्सीन अडवांस मार्केट कमिटमेंट्स’ के मामले में भारत तीसरे नंबर पर है और इससे आगे अमेरिका और ईयू ही हैं
As Covid-19 vaccines are getting ready…Purchase agreements are being tied up too…Chart courtesy @WSJ pic.twitter.com/aGgJNmRLur
— Syed Akbaruddin (@AkbaruddinIndia) November 18, 2020
अमेरिका है सबसे आगे
भारत 1.5 अरब से अधिक डोज खरीदने की पुष्टि कर चुका है, जो कि यूरोपीय यूनियन की 1.2 अरब डोज और अमेरिका की 1 अरब डोज से अधिक है. लेकिन अमेरिका और यूरोपीय यूनियन अपनी संभावित खुराक खरीद के कारण आगे हैं. अमेरिका ने 1.5 अरब से अधिक संभावित डोज खरीद के लिए हस्ताक्षर किए हैं. वहीं, यूरोपीय यूनियन ने 76 करोड़ से अधिक संभावित डोज खरीद के लिए हस्ताक्षर किए हैं. अमेरिका 1.5 अरब संभावित डोज खरीद और 1 अरब डोज की बुकिंग के साथ करीब 2.6 अरब डोज के लिए हस्ताक्षर कर चुका है. इससे पता चलता है कि दुनिया का सबसे ताकतवर देश अपनी पूरी आबादी का एक से अधिक बार टीकाकरण कर सकता है.
भारत तैयार कर रहा है लिस्ट
भारत भी पहले से ही उन लोगों की प्राथमिकता सूची तैयार करने में जुटा है, जिन्हें पहले टीका लगाया जाएगा. एक बार पूरी तरह प्रभावी वैक्सीन के आ जाने के बाद अधिकतर आबादी के समयबद्ध तरीके से टीकाकरण के लिए एक राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह काम कर रहा है. अमेरिकी दवा निर्माता फाइजर और इसके जर्मन पाटर्नर बायोएनटेक एसई ने कहा है है कि इसका वैक्सीन कैंडिडेट 95 पर्सेंट प्रभावी पाया गया है. ड्यूक यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के मुबाबिक, अब तक 8 अरब वैक्सीन डोज की बुकिंग हो चुकी है, जबकि टीकों के प्रभाव का नतीजा सामना नहीं आया है. विशेषज्ञ इस बात को लेकर भी चिंता जता रहे हैं कि अमीर और मिडिल इनकम वाले देशों की ओर से अडवांस डील्स की वजह से कोरोना वायरस टीके के वैश्विक रूप से समान वितरण में चुनौती आ रही है.