बैंक ऑफ बड़ौदा ने शेयर बाजार को बताया, बैंक ने सीमांत लागत धन-आधारित उधारी दर (एमसीएलआर) को संशोधित किया है, जो 12 नवंबर 2020 से लागू है.
देश के तीसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक Bank of Baroda (बैंक ऑफ बड़ौदा) ने बुधवार को लोन की दरों में कटौती करने का फैसला किया है. बैंक ने विभिन्न अवधि के लिए सीमांत लागत धन-आधारित उधारी दर (एमसीएलआर) में 0.05 फीसदी कटौती की घोषणा की. बैंक ऑफ बड़ौदा ने शेयर बाजार को बताया, बैंक ने सीमांत लागत धन-आधारित उधारी दर (एमसीएलआर) को संशोधित किया है, जो 12 नवंबर 2020 से लागू है.
अब हर महीने होगी बचत-
इसके तहत संशोधित एक वर्षीय एमसीएलआर 7.5 फीसदी की जगह 7.45 फीसदी होगी. यह दर ऑटो, खुदरा, आवास जैसे सभी उपभोक्ता ऋणों के लिएमानक है.एक दिन से लेकर छह महीने तक के ऋण पर एमसीएलआर को घटाकर 6.60 से 7.30 प्रतिशत तक कर दिया गया है.
HDFC ने भी घटाईं ब्याज दरें-
HDFC Ltd ने प्राइम लेंडिग रेट्स में 10 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर दी है. हाउसिंग फाइनेंस कंपनी HDFC ने सोमवार को इस बारे में जानकारी दी. HDFC की ओर से जारी बयान में कहा गया कि इस कटौती का लाभ सभी मौजूदा HDFC रिटेल होम लोन और गैर-होम लोन ग्राहकों को मिलेगा. आपको बता दें नए रेट्स आज से यानी 10 नवंबर से लागू हो जाएंगे तो आज के बाद ग्राहकों को सस्ता होम लोन मिलेगा.HDFC ने बयान जारी कर कहा कि वह अपने रिटेल प्राइम लेंडिग रेट्स (RPLR) में 10 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर रहा है. HDFC अपने होम लोन्स पर फ्लोटिंग रेट्स को RPLR के आधार पर तय करती है. यानी RPLR इसकी बेंचमार्क लेंडिग रेट है. HDFC की वेबसाइट के मुताबिक होम लोन की ब्याज दर 6.90 से शुरू हो रही है.
Canara Bank ने भी कम की ब्याज दरें-
सरकारी क्षेत्र के केनरा बैंक (Canara bank) ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट्स (MCLR) में 0.05 से 0.15 फीसदी तक की कटौती की थी. बदली हुई दरें 7 नवंबर से लागू हो चुकी हैं. बैंक की ओर से 1 साल के लोन पर MCLR में 0.05 फीसदी की कटौती की गई है. अब नई दरें 7.40 फीसदी से घटकर 7.35 परसेंट पर आ गई हैं.
यूनियन बैंक ने भी सस्ता किया होम लोन-
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने भी होम लोन सस्ता कर दिया है. बैंक बताया है कि 30 लाख रुपये से अधिक के होम लोन पर ब्याज दर में 0.10 फीसदी की कटौती की गई है. महिला आवेदकों को इस तरह के कर्ज पर ब्याज दर में 0.05 फीसदी की अतिरिक्त छूट मिलेगी. इस तरह से महिला आवेदकों को ब्याज 0.15 फीसदी सस्ता पड़ेगा.
क्या होता है एमसीएलआर-
बैंकों के लिए लेंडिंग इंटरेस्ट रेट तय करने के फॉर्मूले का नाम मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) है. दरअसल आरबीआई के द्वारा बैंकों के लिए तय फॉर्मूला फंड की मार्जिनल कॉस्ट पर आधारित है. इस फॉर्मूले का उद्देश्य कस्टमर को कम इंटरेस्ट रेट का फायदा देना और बैकों के लिए इंटरेस्ट रेट तय करने की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना है. अप्रैल, 2016 से ही बैंक नए फॉर्मूले के तहत मार्जिनल कॉस्ट से लेंडिंग रेट तय कर रहे हैं. साथ ही बैंकों को हर महीने एमसीएलआर की जानकारी देनी होती है. आरबीआई द्वारा जारी इस नियम से बैंकों को ज्यादा प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिलने और इकोनॉमिक ग्रोथ में भी इसका लाभ मिलने की उम्मीद थी.