मेरठ सिटी में रहने वाली 88 साल की कमला मल्होत्रा का चेहर खिलखिला गया. जब उन्हें पता चला कि घर पर उनका लाइफ सर्टिफिकेट यानी जीवन प्रमाण पत्र बन जाएगा. क्योंकि वो घर से 15 किलोमीटर दूर जाकर घंटों लाइन में लगकर अपना सर्टिफिकेट बनवाती थी. अब एक कदम भी चले बिना, घर पर बैठे ही उन्हें उनका जीवन प्रमाण पत्र मिल गया है. वो भी सिर्फ 70 रुपये खर्च करकें.आपको बता दें कि पेंशनधारकों को अपना पेंशन जारी रखने के लिए हर साल नवंबर महीने में लाइफ सर्टिफिकेट जमा करना पड़ता है. कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए इस नियम छूट दी है. सरकार ने बताया है कि इस साल सभी पेंशनधारक 1 नवंबर से लेकर 31 दिसंबर तक 2
महीनों के बीच कभी भी लाइफ सर्टिफिकेट जमा कर सकते हैं. केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने इस बारे में शुक्रवार को जानकारी दी है.
दिव्यांग व बुजुर्गों को जीवन प्रमाण पत्र बनवाने के लिए डाकघर जाने की जरूरत नहीं है. इंडियन पोस्टल पेमेंट बैंक घर पहुंच सुविधा दे रहा है. नजदीकी पोस्टमैन से संपर्क कर उसे सूचना देनी है. इसके बाद पोस्टमैन संबंधित व्यक्ति के घर पहुंचकर डिजीटल जीवन प्रमाण पत्र बनाएगा.
आप सेवानिवृत्त बुजुर्ग कर्मचारी है और चलने फिरने में असमर्थ है तो पेंशन में देने को जीवन प्रमाण पत्र बनाने के लिए घबराने की जरूरत नहीं है. डाक विभाग के इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने पेंशनभोगियों के लिए एक बायोमेट्रिक आधारित डिजिटल सेवा की शुरुआत की हैं. डाकिया घर पर ही मात्र पांच मिनट में ही बायोमेट्रिक से जीवन प्रमाण पत्र जारी कर सकता हैं.
घर बैठे सिर्फ 5 मिनट में बनवाएं जीवन प्रमाण पत्र- केंद्र सरकार, राज्य सरकार और अन्य सरकारी संस्थाओं के पेंशनभोगी इस सेवा का लाभ उठा सकते हैं. आप के बुलावे में डाकिया घर पर ही मात्र पांच मिनट में ही बायोमेट्रिक जीवन प्रमाण पत्र जारी कर देगा. इसके लिए मात्र 70 रुपये का ही भुगतान करना होगा.
जीवन प्रमाण पत्र के लिए आधार नंबर जरूरी: पेंशनर्स के पास आधार नंबर होना जरूरी है. इसके अलावा पीपीओ नंबर, मोबाइल नंबर डाकघर में देना होगा. पोस्टमैन आधार के माध्यम से डिजीटल जीवन प्रमाण पत्र जारी करेंगे, जो खुद ही पेंशन जारी करने वाले से संबंधित विभाग या बैंक में अपडेट हो जाएगा.
आइए जानें इससे जुड़े सभी सवालों के जवाब…
- क्या होता है लाइफ सर्टिफिकेटलाइफ सर्टिफिकेट यानी जीवन प्रमाण पत्र पेंशनर के जीवित होने का सबूत होता है. इसके जमा नहीं किए जाने पर पेंशन मिलना बंद हो सकता है. केंद्र सरकार ने राहत देते हुए लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने की तारीख को बढ़ाकर 31 दिसंबर 2020 कर दिया है.
- लाइफ सर्टिफिकेट को कहां जमा करना होता हैलाइफ सर्टिफिकेट को पेंशनर अपने पेंशन अकाउंट वाली बैंक ब्रांच या किसी भी ब्रांच में जाकर फिजिकली/मैनुअली जमा कर सकते हैं. इसे डिजिटली किसी भी ब्रांच में, अपने PC/लैपटॉप/मोबाइल के जरिए https://jeevanpramaan.gov.in से, निकटतम आधार आउटलेट/CSC से, उमंग ऐप के जरिए जमा कर सकते हैं. डिजिटली लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने के लिए आधार नंबर, मोबाइल नंबर, पेंशन पेमेंट ऑर्डर (PPO) नंबर व अकाउंट नंबर की जरूरत होगी. फिजिकल फॉर्म में लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने के लिए इसे बैंकों की वेबसाइट से डाउनलोड कर भर के जमा किया जा सकता है.
- अगर लाइफ सर्टिफिकेट जमा नहीं किया तो क्या होगालाइफ सर्टिफिकेट यानी जीवन प्रमाण पत्र पेंशनर के जीवित होने का सबूत होता है. इसके जमा नहीं किए जाने पर पेंशन मिलना बंद हो सकता है. अभी तक पेंशनभोगियों को पेंशन पाना जारी रखने के लिए हर साल नवंबर में अपना लाइफ सर्टिफिकेट उस बैंक में जमा करना होता है, जिसमें पेंशन आती है.
- जीवन प्रमाण (Jeevan Pramaan) सर्टिफिकेट सर्विस क्या हैजीवन प्रमाण (Jeevan Pramaan) एक आधार बेस्ड डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट है. जीवन प्रमाण की मदद से पेंशनर्स को अब अपनी निकटतम बैंक ब्रांच, कॉमन सर्विस सेंटर यानी CSC या किसी भी सरकारी ऑफिस में जाकर लाइफ सर्टिफिकेट को आधार नंबर के जरिए बायोमैट्रिकली ऑथेंटिकेट करना होता है. साथ ही अपने पेंशन बैंक अकाउंट से जुड़ी कुछ अन्य पेंशन डिटेल्स भी देनी होती हैं. इसके बाद यह डिजिटली जमा हो जाता है. पेंशनर जिस बैंक ब्रांच से पेंशन लेता है, पहले अपने जीवित होने के सबूत के तौर पर उसे संबंधित ब्रांच में पेश होना पड़ता था. यह पेंशनर्स के लिए काफी परेशानी भरा होता था, विशेषकर खराब स्वास्थ्य वाले पेंशनर्स या दूसरी जगह शिफ्ट हो चुके पेंशनर्स के लिए. पेंशनर्स की सहूलियत के लिए सरकार ने नवंबर 2014 में जीवन प्रमाण सुविधा लॉन्च की. इसके आने से अब पेंशनर्स को बैंक की उसी ब्रांच में जाकर लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने की अनिवार्यता नहीं है, जहां से उनकी पेंशन आती है.
- कैसे बनता है जीवन प्रमाण (Jeevan Pramaan) सर्टिफिकेटआपको अपना ओरिजिनल PPO, आधार कार्ड, बैंक पासबुक, इन सभी की फोटोकॉपी, पेंशन सैंक्शनिंग अथॉरिटी का नाम सर्टिफिकेट को निकटतम बैंक ब्रांच, CSC या सरकारी ऑफिस का पता jeevanpramaan.gov.in पर ‘लोकेट सेंटर’ में जमा कराना होता है. डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट को आधार नंबर से तभी ऑथेंटिकेट किया जा सकता है, जब पेंशनर का अकाउंट आधार नंबर से लिंक हो. डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट के सक्सेसफुल सबमिशन के बाद पेंशनर को रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर SMS आ जाता है, जिसमें ट्रांजेक्शन आईडी होती है. इस आईडी के इस्तेमाल से पेंशनर jeevanpramaan.gov.in से कंप्यूटर जनरेटेड लाइफ सर्टिफिकेट डाउनलोड कर सकते हैं.
- उमंग ऐप के जरिए सबमिशनउमंग ऐप पर जीवन प्रमाण सर्च करना होगा और जनरेट लाइफ सर्टिफिकेट पर क्लिक करना होगा. इसके बाद पेंशनर ऑथेंटिकेशन पेज खुल जाएगा. इसमें जरूरी इनफॉरमेशन भरकर डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जनरेट किया जा सकता है.
- डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट के लिए रजिस्ट्रेशनइसके लिए CSC, बैंकों और सरकारी ऑफिसेज द्वारा चलाए जा रहे जीवन प्रमाण सेंटर के जरिए रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है. या फिर कंप्यूटर, मोबाइल या टैबलेट पर क्लाइंट एप्लीकेशन डाउनलोड कर रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है. इसकी पूरी जानकारी https://jeevanpramaan.gov.in/#certificate से, https://jeevanpramaan.gov.in/app/faq से और https://jeevanpramaan.gov.in/newassets/docs/Procedures_for_DLC_Ver1_0.pdf से ली जा सकती है.
- लाइफ सर्टिफिकेट से जुड़ी जरूरी बातेंअगर पेंशनर की दोबारा नौकरी लग गई है या फैमिली पेंशनर की दोबारा शादी हो गई है तो लाइफ सर्टिफिकेट केवल फिजिकल फॉर्मेट में ही जमा करना होगा. जीवन प्रमाण पूरी जिंदगी के लिए वैलिड नहीं है. इसका वैलिडिटी पीरियड यानी वैधता अवधि पेंशन सैंक्शनिंग अथॉरिटी द्वारा तय नियमों के मुताबिक होती है. यह वैलिडिटी पीरियड खत्म हो जाने के बाद नए सर्टिफिकेट की जरूरत होती है.