टेलीकॉम रेगुलेटर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया को उनके हर सेगमेंट के टैरिफ शुल्क और कुछ ग्राहकों के स्पेशल ऑफर की जानकारी मांगी थी.
टेलीकॉम रेगुलेटर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया को उनके हर सेगमेंट के टैरिफ शुल्क और कुछ ग्राहकों के स्पेशल ऑफर की जानकारी मांगी थी. सुप्रीम कोर्ट ने आज के फैसले में TRAI की इस मांग को सही ठहराते हुए टेलीकॉम कंपनियों को जानकारी मुहैया कराने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को टेलीकॉम रेगुलेटर TRAI (Telecom Regulatory Authority of India) की मांग के पक्ष में फैसला सुनाया है.
पारदर्शिता के लिए जरूरी है
तीन जजों के इस बेंच की अगुवाई चीफ जस्टिस एसए बोब्दे कर रहे हैं. उन्होंने अपने फैसले में कहा कि टेलीकॉम कंपनियों सेजानकारी लेना TRAI के अधिकार क्षेत्र में है. सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि TRAI जो जानकारियां मांग रहा है वह पारदर्शिता के लिए जरूरी है और पहली नजर में यह गलत नहीं नजर आ रहा है.
तीन जजों की इस बेंच में बोब्दे के अलावा जस्टिस एएस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यण हैं. बेंच ने अपने फैसले में टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिया कि वो रेगुलेटर को वो जानकारियां मुहैया कराएं वो जो मांग रहा है. बेंच ने TRAI से कहा कि वह इस बात खास खयाल रखे कि टेलीकॉम कंपनियां जो जानकारियां देंगी वो गोपनीय रखी जाएं. इन प्लान की जानकारियां किसी दूसरे को खासतौर पर प्रतिद्वंदी कंपनियों को ना हो. तीन जजों की बेंच ने इस मामले में अपना फैसला 27 अक्टूबर के लिए सुरक्षित रखा है. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा.
क्या है TRAI की डिमांड?
टेलीकॉम रेगुलेटर TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों के लिए यह अनिवार्य कर दिया कि वह अपने स्पेशनल ऑफर्स की जानकारी देंगे. लेकिन वोडाफोन-आइडिया और एयरटेल ने TRAI का यह फैसला मानने से इनकार कर दिया. इसके बाद यह मामला टेलीकॉम डिस्प्यूट सेटलमेंट एंड अपीलीय ट्राइब्यूनल (TDSAT) पहुंचा. टेलीकॉम कंपनियों की दलील थी कि ये ऑफर प्लान टैरिफ प्लान नहीं है इसलिए इनकी जानकारी देने की मजबूरी नहीं है.