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उपचुनाव खत्म होते ही MP में महंगी हो सकती है बिजली, 9 फीसदी तक रेट बढ़ाने का है प्रस्ताव

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मध्य प्रदेश में उपचुनाव के लिए मतदान (MP By-polls Voting) खत्म होने के बाद राज्य की पावर कंपनियां बिजली के दाम बढ़ाने की कर रही तैयारी. पिछले साल के घाटे से उबरने के लिए कंपनियां नियामक आयोग को बढ़े दर का प्रस्ताव जल्द भेज सकती हैं.

मध्य प्रदेश में उपचुनाव के लिए मतदान (MP By-polls Voting) खत्म होने के बाद राज्य की पावर कंपनियां बिजली के दाम बढ़ाने की कर रही तैयारी. पिछले साल के घाटे से उबरने के लिए कंपनियां नियामक आयोग को बढ़े दर का प्रस्ताव जल्द भेज सकती हैं.

विधानसभा की 28 सीटों पर हुए उपचुनाव (MP By-election)के बाद आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को ज्यादा बिजली बिल जमा करना पड़ सकता है. इसकी वजह ये है कि विद्युत कंपनियां दरें बढ़ाने की तैयारी कर रही हैं. कोरोना काल में बिजली कंपनियों की आर्थिक सेहत भी बहुत ज्यादा अच्छी नहीं है. कंपनियों का कहना है कि उनके पास राजस्व नहीं आ रहा है. यदि यही स्थिति रही तो आने वाले वक्त में निरंतर सप्लाई देना भी मुश्किल हो सकता है. ऐसे में बिजली के दाम बढ़ाने के सिवाय कोई और उपाय कंपनियों को नहीं दिख रहा है.

कोरोना में मंदी
बिजली कंपनियां घाटे से उबरने के लिए बिजली के दामों में वृद्धि करने का प्रस्ताव तैयार कर रही हैं. साल 2020-21 में बिजली कंपनियों ने औसत 5.25 फ़ीसदी दाम बढ़ाने की अनुमति चाही थी जिस पर मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग को फैसला लेना था. कोरोना संक्रमण और उपचुनाव की वजह से यह फैसला नहीं लिया जा सका. ऐसे में अब नए सत्र 2021-22 के लिए नए टैरिफ बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

नया टैरिफ प्लान
नये टैरिफ में बिजली कंपनियां बीते साल के घाटे से उबरने के आधार पर बिजली दाम बढ़ाने की योजना बना रही हैं. सूत्रों की मानें तो बिजली कंपनियां 9 फीसदी तक दाम बढ़ाने का प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग को भेज सकती हैं. बहरहाल 30 नवंबर तक विद्युत कम्पनियों को प्रस्ताव तैयार करना है और मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी इस काम मे जुट गई हैं.