धनतेरस 2020 (Dhanteras 2020):धनतेरस 13 नवम्बर को है और पूजा के लिए शाम का समय उपयुक्त माना गया है. धनतेरस के दिन लक्ष्मी, गणेश, धनवंतरि और कुबेर की पूजा की जाती है.
धनतेरस 2020 (Dhanteras 2020): हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को हर साल धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है, जो छोटी दिवाली से एक दिन पहले आता है. इस दिन भगवान धनवंतरि की पूजा की जाती है और यह एक शुभ दिन माना जाता है. सोना, चांदी के आभूषण और बर्तन आदि चीजें खरीदना शुभ माना जाता है. इस साल धनतेरस 13 नवम्बर यानी शुक्रवार को है.
धनतेरस 2020 का पूजा मुहूर्त
इस साल धनतेरस 13 नवम्बर को है और पूजा के लिए शाम का समय उपयुक्त माना गया है. शाम 5 बजकर 28 मिनट से लेकर 5 बजकर 59 मिनट के बीच पूजा का शुभ मुहूर्त है. इन 30 मिनट के समय को धनतेरस की पूजा के लिए अच्छा समय माना गया है. भगवान धनवंतरि की पूजा इस समयकाल के दौरान की जा सकती है.
धनवंतरि और कुबेर की पूजा
भगवान धनवंतरि को विष्णु का रूप माना जाता है जो हाथ में अमृत कलश धारण किये होते हैं. इन्हें पीतल पसंद है इसलिए धनतेरस को पीतल या अन्य किसी धातु के सामान खरीदे जाते हैं. आरोग्य के देवता धनवंतरि और धन के देवता कुबेर की पूजा धनतेरस के दिन की जाती है.
धनतेरस का महत्व
कहते हैं कि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन भगवान समुद्र मंथन के दौरान भगवान धनवंतरि अपने हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे. यह भी मान्यता है कि चिकित्सा विज्ञान के प्रसार के लिए भगवान धनवंतरि ने अवतार लिया था. धनवंतरि को भारत सरकार का आयुष मंत्रालय राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाता है. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक़ धनतेरस के दिन लक्ष्मी पूजन करने से धन-धान्य की कमी नहीं होती और लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा भी इस दिन घर में लानी चाहिए. धनतेरस के दिन संध्याकाल में दीपक जलाने की भी प्रथा है. इसे यम दीपक कहते हैं जो यमराज के लिए जलाया जाता है जिससे अकाल मृत्यु को टाला जा सके. (Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें).