डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने फ्लोरिडा के लैटिनो समुदाय को आकर्षित किया और लगातार यहां रैलियां करते रहे. जबकि, जो बाइडन (Joe Biden) ने यहां पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा (Barack Obama) का इस्तेमाल किया.
अमेरिकी चुनाव में वोटों की गिनती जारी है. दोनों बड़े उम्मीदवार रिपब्लिकन के डोनाल्ड ट्रंप और ड्रेमोक्रेट जो बाइडन (Joe Biden) 270 इलेक्टोरल कॉलेज वोटों का आंकड़ा पाने की कोशिश में लगे हुए हैं. इन हालात में उत्तरी राज्य विसकंसिन, मिशीगन और पैंसिलवेनिया इस राष्ट्रपति चुनाव में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. हालांकि, चार साल पहले ट्रंप इन तीनों राज्यों पर जीत दर्ज करने वाले पहले रिपब्लिकन बन चुके हैं. अमेरिकी चुनाव 2020 में कई उलटफेर देखने को मिल रहे हैं.
दोनों ओर से अभी तक जारी है बयानबाजी
सदी का सबसे बड़ा स्वास्थ्य संकट झेल रहे अमेरिका में इस बार
कोरोना वायरस (Corona Virus) बड़ा मुद्दा रहा था, लेकिन ट्रंप और बाइडन दोनों ने साल का काफी ज्यादा वक्त इन चुनौतियों को लेकर लड़ने में बिताया है. दोनों ने यही दावे किए हैं कि उनका विपक्षी देश की हालत खराब कर देगा. आज चुनाव के दिन भी दोनों के बीच बयानबाजी का दौर थमा नहीं है. एक ओर बाइडन ने डेलावेयर में कहा ”चुनाव तब तक खत्म नहीं होंगे, जब तक हर बैलेट गिन नहीं लिया जाएगा. मैं और ट्रंप दोनों नहीं घोषणा कर सकते कि यह चुनाव कौन जीतेगा’. उन्होंने कहा ‘यह फैसला अमेरिकी करेंगे.’ वहीं, दूसरी ओर ट्रंप का कहना है कि वे जल्द ही बड़ी घोषणा करेंगे.
देखने को मिले कई उलटफेर
ऐसे कई राज्य रहे, जहां ट्रंप की जीत मानी जा रही थी, लेकिन सफलता बाइडन को मिली है. हालांकि, फ्लोरिडा राज्य को सबसे युद्ध का मैदान माना जा रहा था, जिसमें ट्रंप ने जीत दर्ज की है. यहा 29 से ज्यादा इलेक्टोरल वोट थे. खास बात है कि ट्रंप ने फ्लोरिडा को अपने गृह राज्य की तरह मान लिया था. यहां उन्होंने लैटिनो समुदाय को आकर्षित किया और लगातार यहां रैलियां करते रहे. जबकि, बाइडन ने यहां पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा (Barack Obama) का इस्तेमाल किया. चुनाव के शुरुआती नतीजों पर इस बात से भी असर पड़ सकता है कि वोट किस तरह से डाले गए हैं यानी इलेक्शन डे (Election Day) पर या पहले. करोड़ों अमेरिकी कोरोना की चिंता को घर पर छोड़कर वोट डालने पहुंचे हैं.इसके अलावा अगर बाइडन जीत जाते हैं, तो डेमोक्रेट्स को सीनेट में कुल तीन सीटों की जरूरत होगी. अगर देखा जाए तो रिपब्लिकन ने पहले ही अपने हिस्से में कई सीटें लाने में सफलता हासिल की है. जिसमें टेक्सास और कांसास जैसी बड़ी सीटें भी शामिल हैं.
ट्रंप ने सरकार के विरोध में काम किया
ट्रंप के लिए यह चुनाव उनके बीते 4 साल के कार्यकाल के फैसले के रूप में खड़ा था. अपने कार्यकाल के दौरान ट्रंप ने वॉशिंगटन को अपनी इच्छा के हिसाब से झुकाया. अमेरिका को लेकर दुनिया के नजरिए को बदल दिया. जाति और वर्ग में बटे देश को एकसाथ करने की कम ही कोशिशें की. ट्रंप ने कई बार देश के वैज्ञानिकों, ब्यूरोक्रेट्स और मीडिया को कमतर दिखाते हुए सरकार के खिलाफ विद्रोही के तौर पर काम किया है.
कोरोना और इकोनॉमी ही रहे सबसे बड़े मुद्दे
इलेक्टोरेट पर किए गए राष्ट्रीय सर्वे एपीवोटकास्ट के मुताबिक, मतदाताओं के लिए महामारी और इकोनॉमी सबसे बड़े मुद्दे रहे. कुछ ही वोटर्स ने हेल्थ केयर, जातिवाद, कानून, इमीग्रेशन या क्लाइमेट चेंज जैसे मुद्दों पर बात की. सर्वे में पाया गया कि ट्रंप की लीडरशिप ने मतदाताओं के फैसले में बड़ी भूमिका निभाई है. दो-तिहाई वोटर्स ने कहा कि उनका वोट ट्रंप को लेकर था. या तो उनके समर्थन में या उनके खिलाफ.