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फ्रांस ने ISI चीफ शुजा पाशा की बहन समेत 183 पाकिस्तानियों का वीजा रद्द किया

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फ्रांस में इस्लामिक कट्टरपंथियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है. इसी के तहत फ्रांस सरकार ने 183 पाकिस्तानियों का वीजा रद्द कर दिया है जिसमें पूर्व ISI चीफ शुजा पाशा की बहन भी शामिल हैं. इन 183 में से 118 लोगों को फ्रांस ने डिपोर्ट भी कर दिया है.

लगातार हो रहे कट्टरपंथी हमलों के बीच फ्रांस (France) की सरकार ने इस्लामिक कट्टरपंथी संगठनों और उनसे जुड़े लोगों पर कार्रवाई जारी रखी है. इसी क्रम में फ्रांस ने देश में अवैध रुप से रह रहे 183 पाकिस्तानियों का वीजा रद्द कर दिया है. इन लोगों में पाकिस्तान (Pakistan) की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के पूर्व प्रमुख शुजा पाशा की बहन भी शामिल हैं. 183 लोगों में से 118 लोगों को फ्रांस ने वापस पाकिस्तान भी भेज दिया है. पाकिस्तान के वाणिज्य दूतावास ने खुद ट्वीट कर यह जानकारी दी है.

बता दें कि पाकिस्तान ने फ्रांस की सरकार से पाशा की बहन को अस्थायी तौर पर देश में रहने देने की अपील की है, ऐसा इसलिए

क्योंकि वे वहां अपनी पति की मां की सेवा कर रही हैं. इसके अलावा दूतावास ने जानकारी दी कि फ्रांस ने जबरन जिन लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया है, उसमें से सभी के पास वैध कागजात थे. बता दें कि फ्रांस में अभी शिक्षक की हत्या के बाद हालात सही नहीं है. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस्लामिक आतंकवाद को खत्म करने का एलान कर दिया है, तो वहीं दुनिया के कई मुस्लिम देश फ्रांस के राष्ट्रपति के बयान से नाखुश हैं. शिक्षक ने मोहम्मद पैगंबर का कार्टून अपनी कक्षा में दिखाया था, जिसके बाद उसकी हत्या कर दी गई थी.

इमरान ने की थी मैक्रों की आलोचना
मैक्रों की आलोचना करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने उनपर आरोप लगाते हुए कहा कि वह मुसलमानों को भड़काने का काम कर रहे हैं, इस कथन के बाद फ्रांसीसी अधिकारियों ने 183 आगुंतकों का वीजा रद्द कर दिया. पाकिस्तान के वाणिज्य दूतावास ने खुद ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी. दूतावास ने कहा कि जिन 118 लोगों के पास उचित और वैध कागजात थे, उन्हें भी निकाल दिया. दूतावास ने कहा कि हम वर्तमान में अपने नागरिकों को अस्थायी रुप से रहने देने के लिए फ्रांस प्राधिकरण के संपर्क में हैं.


मैक्रों ने कहा- मैं कार्टून समर्थक नहीं

दुनिया भर में मुस्लिम संगठनों के निशाने पर आए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा, मैं मुसलमानों की भावनाओं को समझता हूं, जिन्हें पैगंबर मोहम्मद के कार्टून दिखाए जाने से झटका लगा है. हालांकि, जिस कट्टर इस्लाम से हम लड़ने की कोशिश कर रहे हैं, वह सभी लोगों खासतौर पर मुसलमानों के लिए खतरा है.

अल जजीरा को दिए एक साक्षात्कार में मैक्रों ने कहा, मैं इन भावनाओं को समझता हूं और उनका सम्मान करता हूं. हालांकि आपको अभी मेरी भूमिका भी समझनी होगी. मुझे इस भूमिका में शांति को बढ़ावा देने और लोगों के अधिकारों की रक्षा करने जैसे अहम काम करने हैं. हम अपने देश में बोलने, लिखने, विचार करने और चित्रित करने की आजादी का हमेशा बचाव करेंगे.