कोरोना-लॉकडाउन की मार कहें या कुछ और, लेकिन बीते कुछ महीने से देश के मेवा बाज़ार को मंदी का ग्रहण लगा हुआ है. जानकारों का कहना है कि कई साल बाद मेवा बाज़ार (Dry Fruits 2020) में इस तरह की मंदी देखी गई है. लेकिन अच्छी बात यह है कि अब यह मंदी कुछ ही दिन की मेहमान है. क्योंकि दिल्ली सरकार (Government of Delhi) समेत देश के और दूसरे राज्यों में शादी समारोह में शामिल होने वाले मेहमानों की संख्या में छूट दे दी है. खुले मैदान में यह छूट अनलिमिटेड तक है. जिसे लेकर मेवा बाज़ार समेत दूसरे बाज़ारों में भी खुशी की लहर है.
कई पीढ़ियों से मेवा का कारोबार करने वाले राजीव बत्रा ने न्यूज18 हिंदी को बताया कि लॉकडाउन से पहले मेवा 20 फीसदी तक महंगी हो गया था. यह वो वक्त होता है जब पुराना माल खत्म हो रहा होता है और नई फसल का माल आने की तैयारी की जाती है. लेकिन लॉकडाउन के बाद से मेवा के दाम गिरने शुरू हो गए. ग्राहक के बाज़ार में न होने और गोदामों में माल भरा होने की वजह से यह रेट गिरे. जबकि दीवाली की तैयारी के चलते ऐसे में रेट बढ़ते हैं, लेकिन इस बार उल्टा ही हुआ.
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पिस्ता के दाम में इसलिए है मामूली अंतर: नई फसल का पिस्ता बाज़ार में कब तक आएगा इसके बारे में कारोबारियों को अभी कुछ भी ठीक-ठीक नहीं पता है. यही वजह है कि बाज़ार में पिस्ता का रेट 20 से 25 रुये किलो के मामूली अंतर के साथ बिक रहा है. यह अंतर कभी 1150 हो जाता है तो कभी बढ़कर 1170 तक पहुंच जाता है. वहीं अखरोट की मिंगी बाज़ार में 750 से 800 रुपये किलो बिक रही है. सर्दियों के मौसम में अखरोट की सबसे ज़्यादा डिमांड होती है.