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ऑनलाइन मंडी में 3200 रुपये क्विंटल पहुंचा आलू का दाम, इसलिए आपको मिल रहा 50 रुपये किलो

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देश के कुल उत्पादन का करीब आधा आलू कोल्ड स्टोरों में रखा हुआ था फिर क्यों बढ़ रहा दाम, बढ़ते रेट पर आलू के वैज्ञानिक भी हैरान?

प्याज पर स्टॉक लिमिट लगाते ही इसका दाम नीचे आ गया, लेकिन सब्जियों के राजा आलू का भाव (Potato price) लगातार ऊपर चढ़ रहा है. अगर इस पर भी स्टॉक लिमिट नहीं लगाई गई तो इसका दाम रिकॉर्ड तोड़ सकता है. देश के कुल उत्पादन का करीब आधा आलू कोल्ड स्टोर में रखा हुआ था फिर भी इस समय खुदरा मार्केट में इसका रेट 50 रुपये किलो से ऊपर पहुंच गया है. इतना दाम तो उस वक्त भी नहीं हुआ था जब इस साल मार्च में लॉकडाउन लगाया गया था और लोग खाने-पीने की चीजों पर टूट पड़े थे. हैरान करने वाली बात ये है कि एक तरफ कोल्ड स्टोरेज (Cold Storage) आलू से भरे पड़े हैं और दूसरी तरफ जनता की जेब पर कुछ लोगों की वजह से डाका डाला जा रहा है.

ये है थोक भाव तो रिटेल में क्यों नहीं बढ़ेगा:

केंद्र सरकार की ऑनलाइन मंडी ई-नाम (E-NAM) पर भी आलू का अधिकतम थोक भाव 3200 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है. अब आप ही सोचिए कि जब थोक भाव इतना होगा तो उपभोक्ता तक आते-आते उसका दाम क्यों नहीं 50 रुपये के पार चला जाएगा. देश के सबसे बड़े आलू उत्पादक राज्य यूपी (Uttar Pradesh) के आगरा (Agra) की बात करें तो यहां इसका मॉडल प्राइस 2100 रुपये क्विंटल तक पहुंच गया है. जबकि यह आलू का गढ़ है. मेरठ और प्रयागराज में इसका मॉडल प्राइस 2400 रुपये क्विंटल तक पहुंच गया है. सहारनपुर में 2600 और उन्नाव में इसका अधिकतम थोकभाव 2693 रुपये प्रति क्विंटल तक चल रहा है.केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान (CPRI-Central Potato Research Institute) के निदेशक रहे डॉ. एसके चक्रवर्ती ने न्यूज18हिंदी को बताया कि भारत में इस समय आलू की खपत 50 मिलियन टन के आसपास है. हम अपनी मांग का पूरा आलू पैदा करते हैं, लेकिन पिछले करीब एक दशक में मैंने इर तरह से आलू का बढ़ता हुआ दाम नहीं देखा कि कभी 50 रुपये किलो पहुंच गया हो.

इसलिए बढ़ रहा है दाम:

कृषि क्षेत्र के जानकार बिनोद आनंद कहते हैं कि केंद्र सरकार ने आलू और प्याज को आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटा दिया है. इसलिए जमाखोरी लीगल हो गई है. किसानों को तो कुछ मिल नहीं रहा, व्यापारी मजे ले रहे हैं. जिस तरह से 31 दिसंबर तक प्याज के स्टॉक पर लिमिट लगा दी गई है उसी तरह से आलू पर भी लगाना होगा वरना जमाखोर महंगाई बढ़ाते रहेंगे. दाम बढ़ाने का सारा खेल बिचौलिए खेल रहे हैं. किसान का इसमें कोई रोल नहीं है. जब किसान के खेत से आलू निकलेगा तो कोई उसे 5 रुपये किलो भी नहीं खरीदता.

यूपी में उद्यान विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह ने सभी कोल्ड स्टोरेज में आगामी 31 अक्तूबर के बाद कूलिंग मशीनें न चलाने और पुराने आलू की निकासी के निर्देश दिए हैं. इसके बावजूद कोल्ड स्टोरेज से पर्याप्त मात्रा में आलू नहीं निकल रहा है, जिसकी वजह से आलू के रेट में आग लगी हुई है.

यूपी के कोल्ड स्टोर में आलू:

यहां 30.56 लाख टन आलू कोल्ड स्टोरों में लॉक है. बताया गया है कि इसमें से करीब 8 लाख टन बीज के लिए है. अभी भी करीब 22 लाख टन आलू खुले बाजार के लिए मौजूद है. 10-15 दिन में नई फसल भी आ जाएगी. फिर भी कुछ व्यापारियों की मंशा है कि शासन के आदेश को धता बताकर जब तक मौका मिल रहा है मुनाफा लूट लिया जाए.

कितनी है पैदावार:

केंद्रीय कृषि मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान में 22 लाख हेक्टेयर भूमि में किसान आलू की पैदावार कर रहे हैं. 2019-20 में 508.57 लाख टन आलू का उत्पादन हुआ है. जिसमें सबसे ज्यादा 27.54 फीसदी हिस्सेदारी यूपी, 25.88 फीसदी पश्चिम बंगाल एवं 15.16 परसेंट बिहार की हिस्सेदारी है

भारत से आलू का एक्सपोर्ट:

कृषि मंत्रालय (Ministry of Agriculture) के एक अधिकारी ने बताया कि कुल उत्पादन का करीब आधा 214.25 लाख टन आलू कोल्ड स्टोरेज में रखा गया था. इस साल जनवरी से जून तक भारत ने 1,47,009 टन आलू का निर्यात करके 262.98 करोड़ रुपये कमाए. जबकि 2019 में हमने 4,32,895 टन आलू का एक्सपोर्ट करके 547.14 करोड़ रुपये कमाए थे.