Vegetable Price Rises: बढ़ते दामों के कारण आम आदमी के लिए हरी मिर्च के साथ ही आलू-प्याज का स्वाद भी तीखा हो गया है. आलू के साथ-साथ प्याज भी महंगी हुई है. प्याज की कीमत इस समय खुदरा में 60 रुपए किलो है. वहीं, थोक में इसकी कीमत 20-25 रुपए है.
17 मार्च से नवरात्र शुरू होने वाली है. त्योहारों की भी शुरुआत हो रही है, ऐसे में आलू-प्याज (Vegetable Prices) के दाम और बढ़ने लगे हैं. थोक मंडी में थोक नीलामी के बाद रीटेल बाजार में सब्जी (Potato and Onion Price) के भाव में 20 से 25 रुपए तक का अंतर आ गया है. इसी वजह से सितंबर में थोक महंगाई (WPI) में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है. सितंबर में थोक महंगाई (WPI)अगस्त के 0.16 फीसदी से बढ़कर 1.32 फीसदी रही है. जुलाई में संशोधित थोक महंगाई -0.25% रही है. कारोबारियों का कहना हैं कि फरवरी के बाद से मंडी में आने वाली सब्जी की आवक भी 75% तक घट गई है। इस कारण इनके दाम तीन गुना से भी ज्यादा हो गए हैं.
कारोबारियों का कहना है कि मंडी में 30 रुपए किलो मिलने
वाले आलू की कीमत अभी 50 से 55 रुपए तक पहुंच गई है. नवरात्र (Navratri 2020) के कारण दाम में आगे और इजाफा होने की संभावना है. आलू के दाम में बढ़ोतरी की मुख्य वजह आवक में कमी है.आलू के साथ-साथ प्याज भी महंगी हुई है. प्याज की कीमत इस समय खुदरा में 60 रुपए किलो है. वहीं, थोक में इसकी कीमत 20-25 रुपए है. वहीं, टमाटर की बात की जाय तो टमाटर की कीमतों में नरमी देखने को मिली है. 80 रुपए तक मिलने वाला टमाटर इस वक्त 40-50 रुपए प्रति किलो के हिसाब से मिल रहा है.
सब्जियों की महंगाई 7.03% से बढ़कर 36.54% हुई
सितंबर में आलू की थोक महंगाई अगस्त के 82.93 फीसदी से बढ़कर 107.63 फीसदी रही है. वहीं, प्याज की थोक महंगाई दर पिछले महीने के माइनस 34.48 फीसदी से बढ़कर माइनस 31.64 फीसदी रही है जबकि सितंबर में दूध की थोक महंगाई 4.25 फीसदी से बढ़कर 5.56 फीसदी रही है. सितंबर में अंडे, मीट, मछली की थोक महंगाई 6.23 फीसदी से घटकर 4.15 फीसदी रही है.
सितंबर में मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट की थोक महंगाई अगस्त के 1.27 फीसदी से बढ़कर 1.61 फीसदी रही है. वहीं, खाने-पीने की चीजों की महंगाई दर पिछले महीने के 4.07 फीसदी से बढ़कर 6.92 फीसदी रही है जबकि सितंबर में फ्यूल और पावर की थोक महंगाई माइनस 9.68 फीसदी से बढ़कर माइनस 9.54 फीसदी रही है.
सितंबर में प्राइमरी आर्टिकल्स की थोक महंगाई दर पिछले महीने के 1.6 फीसदी से बढ़कर 5.10 फीसदी रही है जबकि सितंबर में सब्जियों की थोक महंगाई 7.03 फीसदी से बढ़कर 36.54 फीसदी रही है.
क्यों महंगे हुए आलू-कारोबारी बताते हैं कि आलू की आवक पिछले साल से आधी हो गई है. इसीलिए कीमतों में तेजी आई है. इस साल कोरोना वायरस महामारी, बारिश और फिर बाढ के चलते बुआई और सप्लाई दोनों ही प्रभावित हुई है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित आजादपुर मंडी में बीते कुछ दिनों से आलू का थोक भाव 25 से 35 रुपए प्रति किलो चल रहा है. वहीं, ये दाम पहले 15-20 रुपये प्रति किलोग्राम हुए थे. इसी वजह से रिटेल में भाव (आम लोगों को मिलने वाले दाम) 50-55 रुपये प्रति किलोग्राम हो गए हैं. वहीं, कुछ खास क्वालिटी के आलू का दाम तो 60 तक भी पहुंच गया है.