ICMR के मुताबिक रोजाना हमारी डाइट (Diet) 2 हजार कैलोरी की होनी चाहिए. लेकिन 2 हजार कैलोरी हमारी डाइट में किसी एक फूड प्रोडक्ट से नहीं, बल्कि अलग-अलग चीजों से आनी चाहिए.
थाली में क्या होना चाहिए? आखिर क्या खाने से वह सेहतमंद रहेंगे और उनके शरीर को उचित मात्रा में पोषण मिलेगा. हाल ही में ICMR का हैदराबाद स्थित, न्यूट्रीशन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने एक रिपोर्ट जारी की है. रोजाना हमारी डाइट (Diet) 2 हजार कैलोरी की होनी चाहिए. लेकिन 2 हजार कैलोरी हमारी डाइट में किसी एक फूड प्रोडक्ट से नहीं, बल्कि अलग-अलग चीजों से आनी चाहिए.
ICMR के वैज्ञानिकों के मुताबिक हमारे खाने में एनर्जी के एक नहीं, बल्कि कई स्रोत होने चाहिए. किसी एक फूड प्रोडक्ट पर निर्भर होने से हमें एनर्जी तो मिल जाएगी, पर हमारे शरीरमें विटामिन, कैल्शियम और प्रोटीन का बैलेंस बिगड़ सकता है
ICMR का डाइट चार्ट
ICMR के मुताबिक हमें रोज अपने खाने में 270 ग्राम अनाज (रोटी, चावल) शामिल करना चाहिए. इससे हमें 2 हजार कैलोरी का करीब 45 फीसदी हिस्सा मिल जाएगा. खाने में 90 ग्राम दाल रखनी चाहिए. इससे हमें 17 फीसदी कैलोरी एनर्जी मिल जाएगी. खाने में रोज 300 ग्राम दूध और दही का इस्तेमाल जरूर करें. इससे हमारी रोज की जरूरत की 10 फीसदी कैलोरी एनर्जी मिल जाती है. वैज्ञानिकों का कहना है कि दिन में एक बार 150 ग्राम फल भी जरूर खाना चाहिए. इससे हमें जरूरी कैलोरी का 3 फीसदी हिस्सा मिलता है. खाने में 20 ग्राम नट्स और सीड्स (अंकुरित बीज) को शामिल करना जरूरी है. इससे हमें जरूरी कैलोरी का 8 फीसदी हिस्सा मिल जाएगा. खाने में 27 ग्राम घी और फैट्स शामिल करने से 12 फीसदी एनर्जी मिल जाएगी.
शहर और गांव में क्या खा रहे हैं लोग
ICMR की रिपोर्ट के मुताबिक एनर्जी के स्रोत के तौर पर हमारी सिर्फ 45 फीसदी निर्भरता अनाज पर होनी चाहिए लेकिन शहरों और गांवों में अभी ऐसा नहीं हो रहा है. यहां खाने का औसत बिगड़ा हुआ है. शहरों में लोगों की 51 फीसदी निर्भरता अनाज पर है. वहीं गांवों में 65.2 फीसदी निर्भरता अनाज पर है. वैज्ञानिकों का कहना है कि ऊर्जा के स्रोत के तौर पर हमें दालों, फली, मांस, अंडे और मछली को अपने खाने में ज्यादा शामिल करना चाहिए जबकि अभी ऐसा नहीं हो रहा है. एनर्जी के लिए इन चीजों पर अभी लोगों की 11 फीसदी निर्भरता है, लेकिन यह 17 फीसदी होनी चाहिए.
एनर्जी के लिए सब्जियों पर हमारी निर्भरता 5 फीसदी होनी चाहिए लेकिन गांवों में इस बात का पालन सिर्फ 8.8 फीसदी और शहरों में 17 फीसदी लोग ही कर रहे हैं. नट्स और ऑयल सीड्स पर गावों के लोगों की निर्भरता 22% है, जबकि शहरी लोगों की निर्भरता 27% है. रिपोर्ट के मुताबिक शहरों में लोग 11% एनर्जी के स्रोत के तौर पर स्नैक्स और मिठाइयों का इस्तेमाल कर रहे हैं जबकि यह कम होना चाहिए. अच्छी क्वालिटी की प्रोटीन का इस्तेमाल गांव में 5% और शहरों में 18% लोग कर रहे हैं, जबकि इसे बढ़ाने की जरूरत है.
ताजा और प्रोटीन युक्त खाना
डॉक्टरों के मुताबिक शहरों मे लोग ज्यादा स्नैक्स खा रहे हैं, यह सेहत के लिए बिल्कुल सही नहीं है. ज्यादा मात्रा में स्नैकस खाने का मतलब है कि आप अच्छे खाने से दूर जा रहे हैं. इससे शरीर को जरूरी ऊर्जा भी नहीं मिलती है. ICMR के डाइट चार्ट के बारे में डॉक्टरों का कहना है कि हम सूर्य की रोशनी, दही, गुड़ और चने से भी काफी हद तक अपनी जरूरत की एनर्जी पा सकते हैं. हमारे पास हर चीज का विकल्प है, बस हमारा फोकस ताजा और प्रोटीन युक्त खाने पर होना चाहिए. ऑफिस जाने वाले लोग काफी व्यस्त होते हैं, इसलिए वो ICMR के डाइट चार्ट को तो हूबहू फॉलो नहीं कर सकते हैं. इसलिए उन्हें ड्राई फ्रूट्स पर अपनी निर्भरता बढ़ानी चाहिए. ये एनर्जी के सबसे अच्छे स्रोत होते हैं. इनके इस्तेमाल से शरीर में विटामिन का भी बैलेंस बना रहता है.