कोविड-19 (COVID-19) और लॉकडाउन (Lockdown) ने भारत सहित पूरी दुनियां की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के बाद देश में आर्थिक गतिविधियां खुलने लगी हैं, जिसका सकारात्मक परिणाम दिखने लगा है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक में ये उम्मीद जताई है कि जनवरी-मार्च 2021 यानी चालू वित्त वर्ष के अंतिम और चौथी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ पॉजिटिव (GDP Growth Positive) में देखने को मिल सकती है. हालांकि आरबीआई गवर्नर ने यह भी अनुमान लगाया कि चालू वित्त वर्ष यानी 2020-21 में जीडीपी ग्रोथ शून्य से 9.5 फीसदी नीचे रह सकती है.
तीसरे तिमाही से ही जीडीपी ग्रोथ में सुधार देखने को मिल सकता है
आरबीआई ने अपने मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में यह अनुमान लगाया है कि जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ में सुधार बहुत कम देखने को मिल सकता है. एमपीसी ने यह भी उम्मीद जताई कि अक्टूबर के बाद जीडीपी ग्रोथ में तेजी देखने को मिलेगा. आरबीआई गवर्नर ने यह भी कहा कि चालू वित्त वर्ष के दूसरे छमाही के जीडीपी ग्रोथ में कोविड का प्रभाव कम दिखेगा.
देश भर में बेहतर मॉनसून होने से रिकॉर्ड कृषि उत्पादन होने का अनुमान है. रबी फसल का उत्पादन बेहतर होने की उम्मीद है.जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था और मांग में तेजी देखने को मिलेगा. कृषि के साथ साथ कंज्यूमर और फार्मा सेक्टर में तेज वृद्धि का अनुमान लगाया गया है. आरबीआई के मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में कोविड 19 से ज्यादा जोर अर्थव्यवस्था के रिवाइवल पर देने का जिक्र किया गया है,जो अच्छा संकेत है. इसके अलावा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना और मनरेगा के तहत मजदूरी बढ़ाने से भी ग्रामीण मांग में तेजी देखने को मिलेगी. हालांकि शहरी अर्थव्यवस्था में मांग और सुधार अभी भी चुनौतीपूर्ण बना हुआ है.अप्रैल-जून तिमाही में कोविड 19 और लॉक डाउन का सीधा असर जीडीपी ग्रोथ में दिखा था. चालू वित्त वर्ष के इस पहले तिमाही में यह शून्य से नीचे 23.9 फीसदी पर पहुंच गया था.
दुनियां के वित्तीय संस्थानों ने भी भारत के जीडीपी को लेकर लगाया है अनुमान
विश्व बैंक ने भी अपनी साउथ एशिया इकनोमिक फोकस रिपोर्ट में जिक्र किया है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी शून्य से 9.6 फीसदी रह सकती है. वहीं एडीबी ने भी चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी 9 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है.घरेलू रेटिंग एजेंसी CARE रेटिंग ने भी अपने रिपोर्ट में कहा है कि भारत की जीडीपी ग्रोथ शून्य से 8-8.2 फीसदी राह सकता है. वहीं फिंच रेटिंग एजेंसी ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि भारत की जीडीपी ग्रोथ शून्य से 10.5 फीसदी नीचे रह सकती है.इंडिया रेटिंग और रिसर्च ने भी -11.8 फीसदी जीडीपी का अनुमान लगाया है. रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत की जीडीपी -11.5 फीसदी रहे का अनुमान लगाया है.