दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण (Delhi Air Pollution) के स्तर पर नज़र रखने के लिये दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने ग्रीन वॉर रूम तैयार किया है.. इस वॉर रूम के ज़रिये प्रदूषण को नियंत्रित करने को लेकर किए गए सरकार के उपायों पर निगरानी रखी जायेगी..
दिल्ली में प्रदूषण (Delhi Air Pollution) रोकने के लिए बने नियमों को कौन-कहां तोड़ रहा है. दिल्ली के किस इलाके में वायु प्रदूषण कितने पीएम स्तर पर है, कहां कूड़ा और पराली (Parali) जल रही है, इस पर निगाह रखने के लिए दिल्ली सरकार ने एक वॉर रूम (War Room) बनाया है. 10 लोगों की टीम यहां बैठकर निगरानी करेगी. पॉल्यूशन एप (Pollution App) पर आने वाली शिकायतों की निगरानी भी यहीं होगी. आज दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने वॉर रूम का फीता काटकर इसकी शुरुआत की. वॉर रूम में तीन बड़ी स्क्रीन लगाई गई हैं.
13 हॉटस्पॉट का प्रदूषण बताएगी वॉर रूम में लगी स्क्रीन
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने वॉर रूम का फीटा काटते हुए कहा, एक स्क्रीन पर रियल टाइम डेटा यानि अलग-अलग इलाक़ों में पीएम-10, पीएम-2.5 का क्या स्थिति है ये देख सकते है. दूसरी स्क्रीन पर दिल्ली के13 हॉटस्पॉट की करंट स्थिति दिखायी जायेगी. हॉटस्पॉट वो जगहें हैं जहां प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा होता है.
नासा-इसरो की तस्वीर बताएंगी दिल्ली में कहां कूड़ा जल रहा है
वॉर रूम में एक स्क्रीन पर नासा व इसरो सैटेलाइट की मदद से दिल्ली और आसपास के राज्यों में पराली या कूड़ा जलाने की स्थिति पर निगरानी की जा सकेगी. दिल्ली में कूड़ा और पराली जलाए जाने की तस्वीरें मिलते ही नियमों की निगरानी के लिए बनी टीमों को अलर्ट कर दिया जाएगा. टीम मौके पर जाकर उसकी रोकथाम करेंगी. इस वॉर रूम में 10 लोगों की टीम हर वक्त ये सभी चीजें मॉनीटर करेंगी.
ऐसे सुनी जाएंगी एप पर आने वाली शिकायतें
वॉर रूम के ज़रिये उन शिकायतों पर भी काम किया जायेगा जो ग्रीन दिल्ली एप के ज़रिये मिलेंगी. इस वॉर रूम से ये सभी शिकायतें संबंधित एजेंसी के पास अटोमैटिक चली जाएगी और वॉर रूम एजेंसी से संपर्क कर उसका निपटारा भी कराएगा.
वॉर रूम का उद्घाटन करने के बाद पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि दिल्ली के अंदर बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए 5 अक्टूबर से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ‘युद्ध, प्रदूषण के विरुद्ध’ अभियान शुरू किया है. ये पूरा अभियान बिना आम लोगों के सहयोग से संभव नहीं है. दिल्ली के अंदर अलग-अलग जो एजेंसियां है, उन सभी लोगों को कोऑर्डिनेट करने के लिए एक केंद्रीकृत वार रूम दिल्ली सचिवालय में शुरू किया है.