भले ही कृषि सुधार विधेयकों को लेकर देशभर में हंगामा मचा हुआ है, लेकिन केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी (Kailash Chaudhary) ने दावा किया है कि केंद्र सरकार (Central Government) ने रबी सीजन 2020 (Rabi Season 2020) के दौरान किसानों को 1.13 लाख करोड़ रुपये का एमएसपी भुगतान किया है. केंद्र सरकार (Central Government) ने रबी सीजन 2020 (Rabi Season 2020) के दौरान किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी करते हुए कुल 1.13 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है.
यह पिछले साल के एमएसपी (MSP) भुगतान की तुलना में 31 प्रतिशत अधिक है. कृषि मंत्रालय की ओर से बुधवार को आयोजित एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने 721 कृषि विज्ञान केंद्रों के लगभग 5000 वैज्ञानिकों और प्रतिनिधियों को कृषि सुधार विधेयकों के संबंध में संबोधित करते हुए यह दावा किया कि केंद्र सरकार किसानों के हित में काम कर रही है. कृषि राज्यमंत्री चौधरी ने सभी प्रतिनिधियों से आग्रह भी किया कि कृषि सुधार विधेयकों की वास्तविकता कोअपने अपने क्षेत्र में स्थानीय भाषा में किसानों को बताएं.
75 गुना तक हुई एमएसपी खरीद में बढ़ोतरी
कैलाश चौधरी ने जोर देते हुए कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद पहले की तरह जारी रहेगी. चौधरी ने बताया कि वर्ष 2009-14 की तुलना में पिछले छह साल में दलहनी फसलों के लिए किसानों को एमएसपी भुगतान 75 गुना बढ़ा है. गत 5 साल में 645 करोड़ रुपये के मुकाबले 49000 करोड़ रुपये एमएसपी का भुगतान किया गया है. इसी तरह वर्ष 2009-14 की तुलना में पिछले पांच वर्षों के दौरान तिलहन के किसानों के लिए एमएसपी भुगतान 10 गुना बढ़ा है. पिछले 5 साल में 2460 करोड़ रुपये के मुकाबले 25000 करोड़ रुपये एमएसपी भुगतान किया गया.
केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने बताया कि इस साल रबी-2020 में गेहूं, धान, दलहन और तिलहन को मिलाकर किसानों को एक लाख 13 हजार करोड़ रुपये एमएसपी के रूप में भुगतान किया गया और यह राशि पिछले साल की तुलना में 31 फीसदी ज्यादा है.
कृषि बिल से आएगी किसानों के जीवन में खुशहाली
कृषि राज्यमंत्रीमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार ने देश में किसानों के हित में एक के बाद एक कई कदम उठाए गए, लेकिन इन सबके बावजूद कानून में बदलाव ना होने के कारण किसान के बारे में हम जिस उन्नति की कल्पना कर रहे थे वो संभव नहीं थी. इसलिए भारत सरकार ने दो बिल संसद से पास करा दिए है. इनमें कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020 और दूसरा कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 हैं, जो निश्चित रूप से देश के किसानों को ही फायदा पहुंचाने वाले हैं. इसका विरोध करने वाली कांग्रेस के घोषणा पत्र-2020 में भी इसका उल्लेख किया गया था