Saudi Arabia calls Turkey boycott: तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन (Recep Tayyip Erdogan) के बयान पर सऊदी अरब भड़क गया है और नागरिकों से तुर्की की बनी हर वस्तु का बहिष्कार करने की अपील जारी कर दी है.
रियाद. तुर्की (Turkey) के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन (Recep Tayyip Erdogan) के एक बयान पर सऊदी अरब (Saudi Arabia) भड़क गया है और तुर्की के पूर्ण बहिष्कार का ऐलान कर दिया है. हाल ही में तुर्की की जनरल असेंबली में राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा था कि खाड़ी के कुछ देश तुर्की को निशाना बना रहे हैं और उन नीतियों का पालन कर रहे हैं, जिससे अस्थिरता आ सकती है.
इसके बाद उन्होंने व्यंग्यात्मक अंदाज़ में कहा, “यह नहीं भूलना चाहिए कि जो देश आज सवालों के घेरे में हैं वह कल तक अस्तित्व में ही नहीं थे और शायद वह कल मौजूद न हों. हालांकि, अल्लाह की सहमति से हम इस क्षेत्र में हमेशा अपना
झंडा फ़हराते रहेंगे.’ एर्दोगन के इस बयान को सीधे तौर पर सऊदी अरब से जोड़कर देखा गया, जो साल 1932 में अस्तित्व में आया था. अब दोनों देशों की ओर से आ रहे बयान उनके कूटनीतिक संबंधों को नई दिशा में ले जा सकते हैं. तुर्की के राष्ट्रपति के इस बयान के बाद सऊदी अरब के चैंबर ऑफ़ कॉमर्स के प्रमुख ने तुर्की का हर तरह से बहिष्कार करने की अपील की हैएर्दोगन के बयान से भड़के सऊदी अरब ने अपने नागरिकों से तुर्की के हर एक चीज का बहिष्कार करने की अपील की है.
एर्दोगन ने आरोप लगाया था कि खाड़ी के कुछ देश तुर्की को अस्थिर करने की साजिश रच रहे हैं. उन्होंने हाल में ही संयुक्त राष्ट्र के मंच से भी सऊदी और उसके पड़ोसी देशों पर निशाना साधा था. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़, दूसरी तिमाही में कुल आयात के मामले में तुर्की सऊदी अरब का 12वां व्यापारिक साझेदार है. ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि तुर्की से सऊदी अरब में आयात जून में 18 करोड़ डॉलर का था, जो जुलाई में 18.5 करोड़ डॉलर का हो गया.
तुर्की का बॉयकाट करने की अपील
सऊदी अरब के चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रमुख अजलान अल अजलान ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि हमारी लीडरशिप के खिलाफ तुर्की सरकार की निरंतर शत्रुता के जवाब में हर सऊदी – व्यापारी और उपभोक्ता की जिम्मेदारी है कि वे तुर्की का हर चीज का बहिष्कार करें. चाहें वह आयात, निवेश या पर्यटन के स्तर पर क्यों न हो. काउंसिल ऑफ़ सऊदी चैंबर्स के चेयरमैन अजलान अल अजलान ने ट्वीट किया है, “हर सऊदी नागरिक चाहे वह व्यापारी हो या उपभोक्ता, उसकी ज़िम्मेदारी है कि वह तुर्की का हर तरह से बहिष्कार करे. चाहे वह आयात के स्तर पर हो, निवेश के स्तर पर या फिर पर्यटन के स्तर पर. यह सब हमारे नेता, हमारे देश और हमारे नागरिकों के ख़िलाफ़ तुर्की सरकार के निरंतर विरोध के जवाब में है.”
खशोगी हत्याकांड से ही बिगड़े संबंध
2018 में इस्तांबुल में सऊदी अरब के दूतावास में पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के बाद से भी दोनों देशों में संबंध तनावपूर्ण हो गए थे. एर्दोगन ने कहा था कि खशोगी की हत्या करने का आदेश सऊदी सरकार के उच्चतम स्तरों से आया. लेकिन, उन्होंने कभी भी सीधे तौर पर क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को दोषी नहीं ठहराया. हालांकि, कई हलकों में सऊदी क्राउन प्रिंस का नाम जरूर लिया गया. कुछ दिन पहले ही बंद कमरे में हुई सुनवाई के बाद सऊदी अरब की अदालत ने खशोगी हत्याकांड के पांच दोषियों की फांसी की सजा को पलट दिया था. कोर्ट ने इन्हें 20-20 साल के कारावास की सजा सुनाई थी. तब यह दलील दी गई थी कि खशोगी के बेटे ने इन दोषियों को माफ कर दिया है. इसके बदले उन्हें सऊदी सरकार ने मोटा मुआवजा दिया था.