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Nutrition Month 2020: पोषण की कमी के इन 6 संकेतों को न करें नजरअंदाज, पड़ सकते हैं लेने के देने

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भारत (India) में हर साल सितंबर (September) महीने के दौरान पोषण माह (Nutrition Month) मनाया जाता है ताकि लोगों के बीच पोषण संबंधी आवश्यकताओं और कुपोषण के बारे में जागरूकता फैलायी जा सके.

जीवित रहने के लिए भले ही ऑक्सीजन (Oxygen) और पानी (Water) बेहद मूलभूत जरूरतें हों लेकिन यह भी न भूलें कि पोषण (Nutrition) भी शरीर के लिए बेहद जरूरी है और शरीर को स्वस्थ (Healthy) रखने का तीसरा स्तंभ है. मानव शरीर का स्वास्थ्य बना रहे और विकास भी सही तरीके से हो इसके लिए पोषक तत्वों के सही संतुलन की आवश्यकता होती है- जिसमें सूक्ष्म और स्थूल प्रकृति के न्यूट्रिएंट्स शामिल हैं. पोषण में असंतुलन के कारण कई तरह की गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. भारत में हर साल सितंबर महीने के दौरान पोषण माह मनाया जाता है ताकि लोगों के बीच पोषण संबंधी आवश्यकताओंऔर कुपोषण के बारे में जागरूकता फैलायी जा सके.

एक महीने की इस पूरी अवधि के दौरान पोषण पर ध्यान दिया जाना आवश्यक है क्योंकि भारत, पोषण संबंधी कमियों और उनके प्रतिकूल परिणामों का एक बड़ा बोझ वहन करता है. 2018 में इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित एक स्टडी में संकेत दिए गए थे कि भले ही भारत 1947 से लेकर अब तक एक लंबा सफर तय कर चुका है, लेकिन अब भी भारत की आबादी में विटामिन ए, विटामिन बी9 या फोलेट, विटामिन बी12, विटामिन सी और विटामिन डी, आयरन, आयोडीन, और कैल्शियम जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी का व्यापक प्रसार है.हमारे शरीर को जीवित रहने और बेहतर तरीके से काम करने के लिए इन महत्वपूर्ण विटामिन और खनिजों की आवश्यकता होती है, इसलिए इनकी कमी- विशेष रूप से लंबे समय तक- का शरीर पर कुछ गंभीर संकेत नजर आ सकता है. हम आपको पोषण की कमी के कुछ सामान्य लक्षणों के बारे में बता रहे हैं. अगर आपको इनमें से कोई भी संकेत खुद में या परिवार के किसी सदस्य में दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें ताकि इस कमी को पूरा किया जा सके और पोषण की कमी के कारण शरीर को होने वाले नुकसान से बचा जा सके.

1. घाव का देर से भरना : शरीर पर यहां-वहां कट या खरोंच लगना कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन अगर कोई साधारण सा घाव उतनी तेजी से ठीक नहीं होता, जितना पहले या बहुत आसानी से हो जाता था तो यह पोषण की कमी का एक निश्चित संकेत है- इस मामले में विटामिन सी की कमी का. यह पोषक तत्व न केवल इम्यूनिटी को बढ़ाता है बल्कि सूजन भी कम करता है और घाव भरने की गति को भी तेज करता है. इसलिए अपने आहार में खट्टे फल, शिमला मिर्च आदि लें और सप्लिमेंट्स के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें.

2. बाल गिरना : रोजाना करीब 100 बाल गिरना एक सामान्य प्रक्रिया है और इसके लिए परेशान होने की जरूरत नहीं. लेकिन अगर आपके बाल असामान्य रूप से हद से ज्यादा गिर रहे हों तो यह इस बात का साफ संकेत है कि आपके शरीर में आयरन की कमी है. कमजोरी महसूस होना और चक्कर आना भी आयरन की कमी के लक्षण हैं. अगर आपको खुद में ये सारी चीजें दिख रही हों तो हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे- पालक, सूखे मेवे जैसे- किशमिश और खुबानी, बीन्स आदि का सेवन करें और आयरन सप्लिमेंट लेने पर भी विचार कर सकते हैं.

3. हड्डियों में दर्द : विटामिन डी और कैल्शियम ये 2 पोषक तत्व हैं जिसकी आपके शरीर को जरूरत होती है ताकि हड्डियों बेहतर तरीके से काम कर सकें. विशेष रूप से पैरों की हड्डियों में दर्द इस बात का संकेत हो सकता है कि आपको इन दोनों पोषक तत्वों की पर्याप्त मात्रा नहीं मिल रही है. हड्डियों में दर्द अक्सर आयरन की कमी के कारण होने वाले एनीमिया से भी जुड़ा होता है. इन लक्षणों और बीमारियों की जड़ को समझने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि आप डॉक्टर से परामर्श करें और अपने टेस्ट्स करवाएं.

4. पैर या जीभ में जलन महसूस होना : क्या आपको भी ऐसा महसूस होता है कि बिना मिर्ची खाए आपकी जीभ और पैरों में भी तेज जलन हो रही है? अगर हां तो यह संभवतः विटामिन बी12 की कमी का संकेत है, जिसका लेवल अगर असामान्य हो जाए तो यह संज्ञानात्मक हानि भी पैदा कर सकता है. शाकाहारी और वीगन आहार करने वालों में इस कमी के जोखिम का खतरा अधिक होता है क्योंकि विटामिन बी12 आमतौर पर पशु-आधारित खाद्य पदार्थों में पाया जाता है. अपने आहार को बदलने या सप्लिमेंट्स लेने के बारे में डॉक्टर से बात करें.

5. अनियमित दिल की धड़कन : हृदय की अनियमित धड़कनें जिसे अतालता भी कहते हैं हृदय रोग से जुड़ी होती है, लेकिन इसका अंतर्निहित कारण कैल्शियम की कमी हो सकती है. यह ओमेगा-3 फैटी एसिड और आवश्यक विटामिन के कम सेवन के कारण भी हो सकता है. इन कमियों का सामना कैसे करना है और उनकी पुनरावृत्ति को रोकने के लिए क्या करना चाहिए इस बारे में अपने डॉक्टर या कार्डियोलॉजिस्ट से परामर्श करें.

6. दृष्टि दोष खासकर रात के समय : क्या आपके लिए रात के अंधेरे में अपने लिए रास्ता बनाना या रात में ड्राइविंग करना असंभव है? तो हो सकता है कि आपकी रात की दृष्टि बिगड़ रही हो और इसका कारण है विटामिन ए की कमी है. इससे पहले कि यह आपकी गतिविधियों को पूरी तरह से बाधित कर दे, आपको अपने डॉक्टर के साथ-साथ नेत्र चिकित्सक से भी सलाह लेनी चाहिए.अपने आहार में दूध, अंडा, शकरकंद और खुबानी को शामिल करने से भी मदद मिल सकती है

अस्वीकरण : इस लेख में दी गयी जानकारी कुछ खास स्वास्थ्य स्थितियों और उनके संभावित उपचार के संबंध में शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए है। यह किसी योग्य और लाइसेंस प्राप्त चिकित्सक द्वारा दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवा, जांच, निदान और इलाज का विकल्प नहीं है। यदि आप, आपका बच्चा या कोई करीबी ऐसी किसी स्वास्थ्य समस्या का सामना कर रहा है, जिसके बारे में यहां बताया गया है तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें। यहां पर दी गयी जानकारी का उपयोग किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या या बीमारी के निदान या उपचार के लिए बिना विशेषज्ञ की सलाह के ना करें। यदि आप ऐसा करते हैं तो ऐसी स्थिति में आपको होने वाले किसी भी तरह से संभावित नुकसान के लिए tarunpath.com जिम्मेदार नही होगा।