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UN की चेतावनी! किम जोंग ने बना लिए हैं बेहद छोटे-छोटे लेकिन घातक न्यूक्लियर बम

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North Korea created miniature nukes: UN की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उत्तर कोरिया ने छोटे साइज के परमाणु बम बना लिए हैं जिन्हें बैलेस्टिक मिसाइलों के जरिए इस्तेमाल किया जा सकता है.

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में चेतावनी दी गयी है कि उत्तर कोरिया ने किम जोंग उन की लीडरशिप में छोटे-छोटे लेकिन बेहद घातक परमाणु हथियार विकसित कर लिए हैं. ये हथियार साइज में काफी छोटे हैं जिससे इनका ट्रांसपोर्टेशन आसान है, और यही इन हथियारों को सबसे ज्यादा घातक बनाता है.

UN की जांच एजेंसी ने पाया है कि उत्तर कोरिया लगातार अपने बैलेस्टिक मिसाइलों के जखीरे को बढ़ाता जा रहा है. UNSC की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अनेक प्रतिबंधों के बावजूद उत्तर कोरिया तक लगातार परमाणु ईंधन पहुंच रहा है.

इसके लिए रूस, चीन और ईरान जैसे देशों पर शक जाहिर किया गया है.उत्तर कोरिया की सरकारी एजेंसी KCNA के मुताबिक देश ने न्यूक्लियर हथियारों की एक नई श्रेणी को विकसित किया है. ये बम इतने छोटे हैं कि बैलेस्टिक मिसाइलों द्वारा भी दागे जा सकते हैं. द टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीते दिनों उत्तर कोरिया ने इनका समुद्र में परीक्षण किया था.

इससे पहले KCNA ने यह दावा किया था कि उत्तर कोरिया ने एक हाइड्रोजन बम बनाया है जिसे देश की नई अंतर्महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल से दागा जा सकता है. बता दें कि इस बात को लेकर सवाल बना हुआ था कि क्या परमाणु संपन्न उत्तर कोरिया हाइड्रोजन बम बनाने पर काम कर रहा है. लेकिन आधिकारिक कोरियन सेन्ट्रल न्यूज एजेंसी ने आज कहा कि उसके नेता किम जोंग उन ने न्यूक्लियर वेपंस इंस्टीट्यूट में ऐसे उपकरण का निरीक्षण किया है.

केसीएनए ने किम के हवाले से कहा, यह अत्यधिक विस्फोटक शक्ति के साथ हमारे प्रयासों और तकनीक से बना थर्मोन्यूक्लियर हथियार है. हाइड्रोजन बम के सभी तत्व 100 फीसदी स्वदेश निर्मित हैं. तस्वीरों में काला सूट पहने किम धातु की एक चीज को देखते हुए दिख रहे हैं.

उत्तर कोरिया ने जुलाई में आईसीबीएम हासोंग…14 के दो सफल परीक्षण किए थे. जो अमेरिका के मुख्य भूभाग तक मार करने में सक्षम है. उत्तर कोरिया के इस कदम के बाद क्षेत्र में तनाव पैदा हो गया था. जनवरी 2016 में चौथे परमाणु परीक्षण के बाद उसने दावा किया था कि यह उपकरण छोटा हाइड्रोजन बम है. जिसमें अन्य परमाणु हथियारों के मुकाबले अधिक शक्तिशाली होने की क्षमता है. लेकिन वैज्ञानिकों ने कहा कि हासिल की गई छह किलोटन ऊर्जा थर्मोन्यूक्लियर हथियार के लिए आवश्यक ऊर्जा से बहुत कम है.