Home देश फिर बढ़ी महंगाई! थोक महंगाई दर बढ़कर 0.16% हुई, दवाई, फल और...

फिर बढ़ी महंगाई! थोक महंगाई दर बढ़कर 0.16% हुई, दवाई, फल और सब्जियों के साथ-साथ ये चीजें हुई महंगी

43
0

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त में देश में थोक महंगाई दर बढ़कर 0.16% पर पहुंच गई. जबकि, जुलाई में यह -0.58% पर थी

 थोक महंगाई दर के आंकड़े जारी हो चुके हैं. इन आंकड़ों के मुताबिक अगस्त में थोक महंगाई दर में बढ़ोतरी हुई है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त में देश में थोक महंगाई दर बढ़कर 0.16% पर पहुंच गई. जबकि, जुलाई में यह -0.58% पर थी.

केंद्र सरकार ने कहा कि थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति चार महीने तक निगेटिव रही, लेकिन अगस्त में इसमें बढ़ोतरी हुई है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में मुद्रास्फीति- 1.57% थी. वहीं, मई में यह -3.37%, जून में -1.81% और जुलाई में -0.58% पर थी. आपको बता दें कि मुद्रास्फीति की रेट बाजारों में सामान्य तौर पर कुछ समय के लिए वस्तुओं के की थोक कीमतों में उतार-चढ़ाव और महंगाई को दर्शाती हैं.

दवाइयों, फल और सब्जियों सहित ये चीजें हुई महंगी
जुलाई की तुलना में अगस्त में खाद्य उत्पादों, फल और सब्जियों के साथ पेय पदार्थों, चमड़े से संबंधित उत्पादों, लकड़ी और लकड़ी के उत्पादों, दवाइयों, औषधीय रसायन और वनस्पति उत्पादों, मेटल, बिजली के उपकरणों, औजारों और परिवहन उपकरणों की कीमतों में वृद्धि दर्ज की गई. अगस्त के दौरान खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 3.84% रही. आलू की कीमतों में 82.93% की वृद्धि हुई. वहीं, सब्जियों की महंगाई दर 7.03% रही. अगस्त में ईंधन और बिजली की महंगाई दर 9.68% थी. जबकि, पिछले महीने यह 9.84% थी. मैन्युफैक्चरिंग उत्पादों की महंगाई दर अगस्त में 1.27 प्रतिशत हो गई जो जुलाई में 0.51% थी. आपको बता दें कि WPI के आंकड़े हर महीने की 14 तारीख को जारी किए जाते हैं.

अगस्त में क्रूड ऑयल की कीमतों में 17.44% की गिरावट आई. वहीं, पिछले साल के मुकाबले अगस्त में ईंधन की कीमतों खासकर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 9.7% की कमी आई है. भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि महंगाई की दर अभी काफी अधिक है. इसलिए ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखा गया है. अगर हम interest rates को कम करते हैं तो इससे महंगाई का खतरा और बढ़ जाएगा. RBI ने अक्टूबर 2020 से मार्च 2021 की अवधि में महंगाई के कम होने का अनुमान लगाया है. इसके बाद ही interest rates कम किए जाने की संभावना है.

क्या होती है थोक महंगाई दर?
भारत में महंगाई दर बाजारों में सामान्य तौर पर कुछ समय के लिए वस्तुओं के दामों में उतार-चढ़ाव महंगाई को दर्शाती है. जब किसी देश में वस्तुओं या सेवाओं की कीमतें सामान्य से अधिक हो जाती हैं तो इस स्थिति को महंगाई कहते हैं. वस्तुओं की कीमतें बढ़ जाने की वजह से परचेजिंग पावर प्रति यूनिट कम हो जाती है. दूसरे शब्दों में यह भी कह सकते हैं कि बाजार में मुद्रा की उपलब्धता और वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोत्तरी को मापने की एक तरकीब है. भारत में वित्तीय और मौद्रिक नीतियों के कई फैसले सरकार थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर के हिसाब करती है.