केंद्र सरकार ने सोमवार को स्पष्ट कर दिया है कि राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति की पूरी रकम दी जाएगी. सबसे पहले राज्यों को 97,000 करोड़ रुपये जारी किये जाएंगे. इसके बाद अतिरिक्त रकम का आने वाले समय में जारी किया जाएगा.
वस्तु एवं सेवा कर कलेक्शन में कमी होने के बाद राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति की पूरी रकम दी जाएगी. केंद्र सरकार ने सोमवार को इस बारे में जानकारी दी है. सरकार ने कहा है कि कुल बकाये रकम में से 97,000 करोड़ रुपये तत्काल रूप से जारी कर दिये जाएंगे. इसके अलावा अतिरिक्त रकम का भुगतान आने वाले समय में जारी किया जाएगा. इस बारे में जीएसटी काउंसिलमें अंतिम फैसला होगा. केंद्र सरकार की तरफ से यह स्पष्टीकरण एक ऐसे समय में आया है, जब जीएसटी काउंसिल की पिछली बैठक के बाद कुछ राज्यों ने जीएसटी क्षतिपूर्ति को लेकर सवाल उठाये थे.
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी क्षतिपूर्ति की पूरी रकम राज्यों को दी जाएगी. हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमणने कहा था कि जब तक जीएसटी एक्ट 2017 के तहत राज्यों को भरपाई देने का नियम वजूद में है, तब तक हमें इसका पालन करना होगा.
केंद्र सरकार उधार लेकर नहीं कर सकती राज्यों को फंड
अधिकारी ने बताया है कि केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह राज्यों के वित्त सचिवों के साथ बैठक की है. सरकार ने राज्यों को पेआउट फंड करने के लिए उधार लेने का विकल्प दिया था. अगर केंद्र सरकार उधार लेती है तो तो इससे यील्ड बढ़ जाएगा, जिसका असर केंद्र व राज्या दोनों पर पड़ेगा. एक ऐसे समय में जब सरकार अर्थव्यवस्था को रिवाइवकरने के साथ चाहती है कि विदेशी कंपनियां भारत में निवेश करें, केंद्र ऐसा कदम नहीं उठा सकता है.
आरबीआई से स्पेशल विंडो खोलने पर बातचीत
राज्यों के लिए उधार लेने की प्रक्रिया आसान बनाने के लिए सरकार ने RBI से बातचीत कर रही है ताकि एक स्पेशल विंडो खोला जाये. इसी विंडो के तहत राज्य सामान दर पर उधार ले सकें. आगे चलकर इस उधार सेस कलेक्शन से लिंक कर दिया जाएगा और इसका रिपेमेंट सेस कलेक्शन के जरिए ही किया जाएगा. इससे राज्यों के बजट पर कोई दबाव नहीं बढ़ेगा.
गैर-भाजपा राज्य सरकारों ने नहीं मानी काउंसिल की बात
जीएसटी काउंसिल की पिछली बैठक के बाद केंद्र सरकार की तरफ से यह स्पष्टीकरण आया है. इस बैठक में सरकार द्वारा सुझाए गये रास्तों पर गैर-भाजपा राज्यों ने असहमति जताई और इसे मानने से इनकार कर दिया. इन राज्यों में दिल्ली सरकार, पंजाब, केरल, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल की सरकारें शामिल थीं.
2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी
उल्लेखनीय है कि अगस्त 2019 के बाद से जीएसटी कलेक्शन कम होने के बाद से ही क्षतिपूर्ति भुगतान मुद्दा बना हुआ है. चालू वित्त वर्ष में राज्यों की क्षतिपूर्ति के तीन लाख करोड़ रुपये की आवश्यकता पड़ने का अनुमान है. इसमें से 65 हजार करोड़ रुपये की से प्राप्त राजस्व से की जा सकती है. इसके बाद भी 2.35 लाख करोड़ रुपये कम पड़ेंगे. केंद्र का आकलन है कि 2.35 लाख करोड़ रुपये की इस कमी में जीएसटी के क्रियान्वयन की वजह से महज 97 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. शेष कमी कोरोना वायरस महामारी की वजह से है.