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सरकारी योजना में इस साल सस्ता सोना खरीदने का आखिरी मौका, गारंटीड मुनाफे के साथ मिलेंगे ये 4 फायदें

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इस साल के लिए गोल्ड बॉन्ड (Gold Bonds) की ये आखिरी सीरीज है. साथ ही इसमें आवेदन का आज आखिरी दिन है. RBI ने सॉवरेन स्वर्ण बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) का इश्यू प्राइस 5,117 रुपए प्रति ग्राम तय किया है. यानी आप इस भाव पर सोना खरीद सकते है. बता दें कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2020-21 सीरीज-6 (Sovereign Gold Bond Scheme 2020-21-Series VI) का सब्सक्रिप्शन 4 सितंबर तक खुला रहेगा. यह भी जानना जरूरी है कि इन बॉन्ड्स की अवधि 8 साल की होती है और 5वें साल के बाद ही प्रीमैच्योर विड्रॉल किया जा सकता है. इसकी सबसे खास बात होती है कि निवेशक को सोने के भाव बढ़ने का लाभ तो मिलता ही है. साथ ही उन्हें इन्वेस्टमेंट रकम पर 2.5 फीसदी का गारंटीड फिक्स्ड ​इंटरेस्ट भी मिलता है.

गोल्ड बॉन्ड की खरीद के लिए डिजिटल भुगतान करने पर प्रति ग्राम 50 रुपये की छूट मिलेगी. ऐसे निवेशकों के लिए बॉन्ड की कीमत 5,067 रुपये प्रति ग्राम होगी. सरकार के गोल्ड बॉन्ड को रिजर्व बैंक भारत सरकार की ओर से जारी करता है. देश में सोने का आयात घटाने के लिए सरकार ने नवंबर 2015 में यह योजना पेश थी. वित्त वर्ष 2019-20 में रिजर्व बैंक ने दस किस्तों में कुल 2,316.37 करोड़ रुपये यानी 6.13 टन के गोल्ड बॉन्ड जारी किए.

इतना खरीद सकते हैं सोना: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्‍कीम (Gold Bond Scheme) के तहत सोना खरीदने के कुछ नियम हैं. इस स्कीम में कोई भी व्यक्ति एक कारोबारी साल में अधिकतम 500 ग्राम के गोल्‍ड बॉन्ड खरीद सकता है. इस बॉन्ड में न्यूनतम निवेश एक ग्राम है. इसके निवेशकों को टैक्‍स पर भी छूट मिलती है. निवेशक स्‍कीम के जरिए बैंक से लोन भी ले सकते हैं.

2.5 फीसदी रिटर्न की गारंटी: गोल्ड बांड में सोने में आने वाली तेजी का फायदा तो मिलता ही है. इस पर सालाना 2.5 फीसदी ब्याज भी मिलता है. ब्याज निवेशक के बैंक खाते में हर 6 महीने पर जमा किया जाएगा. अंतिम ब्याज मूलधन के साथ मेच्योरिटी पर दिया जाता है. मेच्योरिटी पीरियड 8 साल है, लेकिन 5 साल, 6 साल और 7 साल का भी विकल्प होता है. अगर सोने के बाजार मूल्य में गिरावट आती है तो कैपिटल लॉस का खतरा भी हो सकता है.

गोल्ड बॉन्ड स्कीम से जुड़ी कुछ खास बातें: गोल्ड बॉन्ड की इस सीरीज को इश्यू करने की तारीख 11 अगस्त, 2020 होगी. गोल्ड बॉन्ड्स की अवधि 8 साल की होती है. इसमें पांचवें साल के बाद आपके पास एक्जिट का विकल्प होता है. गोल्ड बॉन्ड्स की बिक्री बैंकों, निर्धारित डाक घरों, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और स्टॉक एक्सचेंजेज के जरिए सीधे तौर पर या उनके एजेंटों के जरिए होती है. कोई भी व्यक्ति न्यूनतम एक ग्राम का गोल्ड बॉन्ड खरीद सकता है