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संसद के मानसून सत्र में प्रश्नकाल नहीं कराने के कदम का शिवसेना ने किया समर्थन

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Parliament Monsoon Session: संसद (Parliament) के आगामी मानसून सत्र (Monsoon Session) में न तो प्रश्न काल होगा और न ही गैर सरकारी विधेयक लाए जा सकेंगे. शिवसेना (Shevsena) ने इस कदम का समर्थन किया है.

मुंबई. शिवसेना (Shivsena) ने संसद (Parliament) के आगामी मानसून सत्र (Monsoon Session) में प्रश्नकाल (Question Hour) नहीं कराये जाने संबंधी केन्द्र के कदम का गुरुवार को समर्थन किया और कहा कि महामारी (Pandemic) के बीच‘‘आपात स्थिति’’ के कारण यह निर्णय लिया गया है, जिसे सभी को समझने की आवश्यकता है. शिवसेना के नेता संजय राउत (Shivsena Leader Sanjay Raut) ने पत्रकारों से कहा कि सरकार से सवाल करने के लिए अन्य मंच हमेशा उपलब्ध हैं.

लोकसभा (Loksabha) और राज्यसभा सचिवालय (Rajyasabha Secretariat) की अधिसूचना के अनुसार मानसून सत्र में न तो प्रश्न काल होगा और न ही गैर सरकारी विधेयक (Private Members Bill) लाए जा सकेंगे. कोरोना वायरस के कारण शून्य काल (Zero Hour) को भी सीमित कर दिया गया है. राउत ने कहा, ‘‘भले ही संसद के मानसून सत्र में प्रश्नकाल नहीं होगा, लेकिन यह समझना महत्वपूर्ण है कि ऐसा क्यों है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह एक आपातकालीन स्थिति है. हमें समझने की जरूरत है न कि आलोचना करने की.’’ उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में राज्य विधानसभा (State Assembly) का सत्र केवल दो दिन के लिए बुलाया जायेगा.

मानसून सत्र के दौरान प्रश्नकाल नहीं कराये जाने की कई विपक्षी पार्टियों ने निंदा की है और कुछ नेताओं ने मोदी सरकार पर कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) के नाम पर ‘‘लोकतंत्र की हत्या’’ का प्रयास करने का भी आरोप लगाया है. संसद सत्र की शुरुआत 14 सितम्बर को होगी और इसका समापन एक अक्टूबर को प्रस्तावित है. सिर्फ पहले दिन को छोड़कर राज्यसभा की कार्यवाही सुबह की पाली में चलेगी जबकि लोकसभा शाम की पाली में बैठेगी

लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया, ‘‘सत्र के दौरान प्रश्न काल नहीं होगा. कोरोना महामारी के चलते पैदा हुई असाधारण परिस्थितयों को देखते हुए सरकार के आग्रह के मुताबिक लोकसभा अध्यक्ष ने निर्देश दिया है कि सत्र के दौरान गैर सरकारी विधेयकों के लिए कोई भी दिन तय न किया जाए.’’

ऐसी ही एक अधिसूचना राज्यसभा सचिवालय की ओर से जारी की गई है.

चीन-भारत गतिरोध गंभीर
एक सवाल के जवाब में राउत ने कहा कि सेना प्रमुख एमएम नरवणे (MM Narvane) लद्दाख (Ladakh) गये है जिससे पता चलता है कि चीन-भारत गतिरोध (China-India Standoff) गंभीर है. उन्होंने कहा, ‘‘“यहां तक कि विदेश मंत्री एस जयशंकर (S.Jaishankar) ने भी ट्वीट किया था कि स्थिति 1962 से भी बदतर है.

सेना प्रमुख ने गुरुवार को लद्दाख के अपने दो दिवसीय दौरे की शुरूआत की है.