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बजट से पहले किसानों को मोदी सरकार का बड़ा तोहफा

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नई दिल्ली। मोदी सरकार ने बजट से पहले किसानों के लिए बड़ा ऐलान किया है। केंद्र सरकार ने चार राज्यों में किसानों के लिए 6680 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की मंजूरी दी है। इस राहत पैकेज का लाभ आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक के किसानों को मिलेगा। इस रकम में आंध्र प्रदेश के लिए 900 करोड़ रुपये, गुजरात के लिए 130 करोड़ रुपये, महाराष्ट्र के लिए 4700 करोड़ रुपये और कर्नाटक के लिए 950 करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दी गई है। इन राज्यों में किसान सूखे से पीड़ित थे और सरकार के इस फैसले से उन्हें बड़ी राहत मिलेगी। छोटे एवं सीमांत किसानों की आय में कमी की समस्या के निवारण लिए सरकार खासतौर से कोशिश कर रही है। कृषि मंत्रालय ने क्षेत्र की समस्याओं को दूर करने के लिए अल्प अवधि एवं दीर्घकालिक दोनों समाधान प्रदान करने के लिए कई विकल्पों की सिफारिश की है। पिछले महीने केंद्र सरकार के कुछ अधिकारियों ने सूखा प्रभावित राज्यों का दौरा किया था, और उसके बाद ही यह माना जा रहा था कि सरकार जल्द ही सूखा प्रभावित राज्यों में किसानों के लिए किसी पैकेज का ऐलान कर सकती है। इसके अलावा उम्मीद की जा रही है कि इस बजट में किसानों को और भी राहत दी जाएगी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस बजट में फसल बीमा योजना के लिए केंद्र सरकार फंड बढ़ा सकती है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को सरकार 15000 करोड़ रुपये दे सकती है। पिछले बजट में सरकार की तरफ से इसके लिए 13 हजार करोड़ रुपये जारी किए गए थे।

‘सिंघम’ और ‘सिंबा’ के बाद चलेगा सलमान खान का पावर

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नई दिल्ली। रोहित शेट्टी एक्शन फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। अजय देवगन से लेकर रणवीर सिंह तक रोहित शेट्टी ने बॉलीवुड को ‘सिंघम’ और ‘सिंबा’ की पावर से मिलवाया। रोहित कैंप में पहली बार ऐसा होने जा रहा है जब इस ग्रुप में दबंग खान की एंट्री होने जा रही है। मीडिया खबरों कि मानें तो रोहित शेट्टी अपनी अगली फिल्म के लिए सलमान खान को साइन करने जा रहे हैं। एक वेबसाइट में छपी खबर के मुताबिक, बिना टाइटल की इस फिल्म का पहला स्लॉट इस साल के एंड में फ्लोर में चला जाएगा। ये फिल्म भी एक पुलिस ड्रामा होगी। रोहित शेट्टी और साजिद नाडियाडवाला इस फिल्म को लेकर एक दो बार मीटिंग भी कर चुके हैं। इतना ही नहीं इस फिल्म को लेकर दोनों की ही पहली पसंद सलमान खान हैं। बता दें कि रोहित शेट्टी की अगली फिल्म ‘सूर्यवंशी’ भी एक पुलिसवाला ड्रामा फिल्म हैं। ‘सिंघम’ और ‘सिंबा’ के बाद रोहित एक बार फिर से ‘सूर्यवंशी’ लेकर फैंस के सामने आने वाले हैं। इस फिल्म के लिए रोहित ने अक्षय कुमार को साइन किया है। अक्षय के बाद रोहित के साथ सलमान खान भी नजर आने वाले हैं। अभी आधिकारिक रूप से इस फिल्म के बारे में कोई घोषणा नहीं की गई है।

केंद्रीय विद्यालय की प्रार्थना पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ करेगी विचार

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नई दिल्ली। केंद्रीय विद्यालय में संस्कृत और हिंदी की प्रार्थना पर सवाल उठाने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ विचार करेगी। सोमवार को दो न्यायाधीशों की पीठ ने मामले को महत्वपूर्ण मानते हुए बड़ी पीठ के पास भेज दिया। जनहित याचिका में केंद्रीय विद्यालयों में होने वाली प्रार्थना ‘असतो मा सद्गमय तमसो मा ज्योतिर्गमय’ तथा ‘दया कर दान विद्या का हमें परमात्मा देना’ पर सवाल उठाया गया है। प्रार्थना को एक धर्म को बढ़ावा देने वाला बताते हुए रोक लगाने की मांग की गई है। यह जनहित याचिका मध्य प्रदेश के वकील विनायक शाह ने दाखिल की है। जस्टिस आरएफ नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका में उठाए गए प्रश्न को महत्वपूर्ण मानते हुए कहा कि इसमें संविधान के अनुच्छेद 28 (1) की व्याख्या का मुद्दा शामिल है। इस पर संविधान पीठ को सुनवाई करनी चाहिए। केंद्र की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि केंद्रीय विद्यालयों में संस्कृत में होने वाली प्रार्थना धार्मिक शिक्षा देने वाली नहीं है बल्कि अंधकार से प्रकाश की ओर जाने की बात करती है। यह शाश्वत सत्य है। सिर्फ संस्कृत में होने के कारण उसे धार्मिक नहीं कहा जा सकता। जब जस्टिस नरीमन ने मेहता की दलीलों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि असतो मा सद्गमय उपनिषद से आया है तो मेहता का जवाब था कि सुप्रीम कोर्ट का ध्येय वाक्य ‘यतो धर्मस्य ततो जय:’ है जिसका अर्थ होता है कि जहां धर्म है वहीं विजय है। लेकिन यह धार्मिक या सांप्रदायिक तो नहीं हो जाता। यह शाश्वत सत्य है। जस्टिस नरीमन ने कहा कि यह उनकी दलील हो सकती है लेकिन मामले पर बड़ी पीठ को विचार करना चाहिए। इसके बाद कोर्ट ने उचित पीठ के गठन के लिए मामले को मुख्य न्यायाधीश के समक्ष पेश करने का आदेश दिया। कोर्ट ने पिछले वर्ष याचिका पर सरकार को नोटिस जारी किया था। याचिका में कहा गया है कि केंद्रीय विद्यालय में होने वाली हिंदी की प्रार्थना और संस्कृत श्लोक हिंदू धर्म को बढ़ावा देते हैं। संविधान के अनुच्छेद 28(1) का हवाला देते हुए कहा गया है कि सरकारी खर्च पर चलने वाले शिक्षण संस्थानों में किसी तरह के धार्मिक निर्देश नहीं दिए जा सकते। प्रार्थना से अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों और प्रार्थना व्यवस्था से सहमति नहीं रखने वाले नास्तिक लोगों के संवैधानिक अधिकारों का हनन होता है।

प्रियंका चोपड़ा के ससुराल में दी गई चौथी रिसेप्शन पार्टी

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नई दिल्ली। साल 2018 में बॉलीवुड में देसी गर्ल की शादी खबरों में छाई रही। विदेशी दूल्हे निक जोनस के साथ परी कथा सी शादी करने वाली प्रियंका के घर अभी जश्न खत्म नहीं हुआ है। निक जोनस के पैरेंट्स ने अपनी बहू के स्वागत में नॉर्थ कैरोलिना में फैमिली और दोस्तों के लिए एक पार्टी का आयोजन किया। इस पार्टी को जोड़कर अबतक प्रियंका और निक के चार रिसेप्शन होस्ट किए जा चुके हैं। इस पार्टी की फोटो प्रियंका ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर की है। बता दें कि 4 दिसंबर को दिल्ली के ताज होटल में फैमिली और वीआईपी लोगों के लिए रिसेप्शन रखा गया जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी भी नए जोड़े को आशीर्वाद देने पहुंचे थे। जोधपुर में दो रीति-रिवाजों में हुई इस शादी में पहले दिन क्रिश्चियन रस्मों से प्रियंका-निक ने वेडिंग की। राल्फ लॉरेन के व्हाइट डिजाइनर गाउॅन में प्रियंका किसी परी की तरह नजर आ रही थीं। वहीं प्रियंका चोपड़ा ने अपनी इंडियन वेडिंग के लिए डार्क रेड कलर का सब्यसाची लहंगा चुना जिसमें लाल धागे की कढ़ाई की गई थी। सब्यसाची मुखर्जी ने प्रियंका चोपड़ा के इस लहंगे के बारे में कई खास बातें अपने इंस्टाग्राम पर शेयर की हैं।

जॉर्ज फर्नांडिस की 88 साल की उम्र में निधन

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हैदराबाद। पूर्व रक्षा मंत्री एवं प्रख्यात समाजवादी नेता जॉर्ज फर्नांडिस का मंगलवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे। उनकी सहयोगी जया जेटली ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि फर्नांडिस अल्जाइमर बीमारी से पीड़ित थे, जिस कारण वह पिछले कई वर्षों से सार्वजनिक जीवन से दूर थे। हाल में उन्हें स्वाइन फ्लू भी हो गया था। जया जेटली ने बताया कि उनका निधन उनके आवास पर हुआ। पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस ने एक बार कहा था, अगर पुनर्जन्म जैसी कोई चीज है तो मैं दोबारा वियतनाम में जन्म लेना चाहूंगा। बेंगलुरु में करीब 15 वर्ष पहले कर्नाटक प्लांटर्स एसोसिएशन के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए फर्नांडिस ने वियतनाम के लोगों को अनुशासित, प्रतिबद्ध और दृढ़ संकल्पी बताया था। उन्होंने कहा था कि वियतनाम का दुनिया के कॉफी बाजार में बड़ा हिस्सा है। उन्होंने कहा था, मुझे इससे कोई ईर्ष्या नहीं है। मैं वियतनाम का प्रशंसक हूं और तेज प्रगति के लिये दक्षिण पूर्व एशियाई देश और उसके लोगों की प्रशंसा करता हूं। फर्नांडिस ने कहा था, अगर पुनर्जन्म जैसी कोई चीज है, तो मैं वियतनाम में जन्म लेना चाहूंगा। वे अपनी प्रतिबद्धताओं के लिए जान न्योछावर करने को तत्पर रहते हैं। वियतनाम का दौरा करने वाले फर्नांडिस पहले रक्षा मंत्री थे।
वाजपेयी सरकार में रहे रक्षा मंत्री
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राजग सरकार में फर्नांडिस रक्षा मंत्री थे, जब 1999 में भारत ने करगिल युद्ध लड़ा था। उनके कार्यकाल के दौरान ही भारत ने 1998 में पोखरण में परमाणु परीक्षण किया था। इंदिरा गांधी को मात देकर 1977 में सत्ता में आई जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार में वह उद्योग मंत्री भी रहे।

भारतीय मूल की कमला ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए शुरू किया प्रचार

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वॉशिंगटन। भारतीय मूल की सीनेटर कमला हैरिस ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी का उम्मीदवार बनने के लिए अपनी प्रचार मुहिम शुरू करते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की नीतियों की रविवार को भरसक आलोचना की और आरोप लगाया कि अमेरिकी लोकतंत्र पर पहले कभी इस तरह हमला नहीं हुआ। न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक 2016 में सीनेट में चुनी गई कमला हैरिस ने राष्ट्रपति पद के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी का उम्मीदवार बनने की अपनी दावेदारी की घोषणा पिछले सप्ताह की थी। उन्हें नवंबर 2020 में होने वाले चुनाव में ट्रम्प को हराने के इच्छुक डेमोक्रेटिक नेताओं की सूची में सर्वाधिक मत मिले हैं। हैरिस अमेरिकी सीनेट में चुनी जाने वाली दूसरी अफ्रीकी अमेरिकी हैं। उनके राजनीतिक करियर की शुरूआत से ही बराक ओबामा से उनकी तुलना की जाती है। हैरिस ने कहा, हम हमारे देश के इतिहास में एक नए मोड़ पर हैं। हम यहां इसलिए हैं क्योंकि अमेरिकी सपने और अमेरिकी लोकतंत्र पर इस तरह पहले कभी हमला नहीं हुआ। उन्होंने ट्रम्प का नाम लिए बिना कहा, वह हमारा अमेरिका नहीं है, जहां हमारे नेता स्वतंत्र प्रेस और हमारी लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमला करते हैं। हैरिस ने कहा कि अमेरिकियों को नस्लवाद, लैंगिक भेदभाव, यहूदी विरोधवाद और एलजीबीटी समुदाय के प्रति पूर्वाग्रह जैसी देश की समस्याओं को लेकर ईमानदार बनने की आवश्यकता है। हैरिस ने अमेरिका के साथ लगती मेक्सिको की सीमा पर दीवार बनाने की योजना को लेकर ट्रम्प को आड़े हाथों लिया। उन्होंने पढ़ाई के लिए तमिलनाडु से अमेरिका आई अपनी मां श्यामला गोपालन के संघर्ष के जज्बे को याद करते हुए कहा कि ट्रम्प के खिलाफ चुनाव लड़ना आसान नहीं होगा।

अयोध्या मंदिर पर केन्द्र का नया पैंतरा, भूमि राम मंदिर ट्रस्ट को देने की सुको से मांगी इजाजत

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नई दिल्ली। केन्द्र ने सोमवार को एक आवेदन दायर कर राम मंदिर बाबरी मस्जिद की विवादित जमीन का एक हिस्सा राम जन्मभूमि न्यास को अलग कर उसे देने की इजाजत मांगी। एक नई याचिका में केन्द्र ने कहा कि उसने 2.77 एकड़ विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्थल के पास 67 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया था। याचिका में कहा गया कि राम जन्मभूमि न्यास (राम मंदिर निर्माण को प्रोत्साहन देने वाला ट्रस्ट) ने 1991 में अधिग्रहित अतिरिक्त भूमि को मूल मालिकों को वापस दिए जाने की मांग की थी। साल 1993 में, केन्द्र ने विवादित स्थल के आसपास 67 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया था। सुप्रीम कोर्ट ने 1994 में इस अधिग्रहण को स्वीकार किया और यह आदेश दिया कि ये जमीन केन्द्र सरकार के पास बनी रहेगी। यह जमीन तब तक किसी को नहीं दी जाएगी जब तक विवाद पर फैसला नहीं हो जाता है। असलम भूरे की याचिका पर यही व्यवस्था साल 2011 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश में भी बरकरार रखी गई। भूरे भी इस केस में याचिकाकर्ता है। अब, केन्द्र चाहता है कि अधिग्रहण की गई जमीन का एक हिस्सा राम मंदिर ट्रस्ट को दिया जाए और इसके लिए उसने सुप्रीम कोर्ट से इजाजत मांगी है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में विवादित स्थल के पास अधिग्रहण की गई जमीन रामजन्मभूमि न्यास को दिए जाने के लिए केन्द्र की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में जाने के कदम का स्वागत किया है। योगी ने कहा कहा कि हम ये बात कहते आ रहे हैं कि निर्विवाद भूमि के इस्तेमाल की हमें इजाजत मिलनी चाहिए। राम जन्मभूमि न्यास एक ट्रस्ट है जिसे विश्व हिन्दू परिषद के सदस्यों ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए बनाया था। रविवार को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए पांच सदस्यीय जजों की पीठ में से एक के गैर हाजिर रहने के चलते मंगलवार (29 जनवरी) को अयोध्या जमीन विवाद पर निर्धारित सुनवाई को स्थगित करना का फैसला किया।

छत्तीसगढ़ को दुनिया के लिए धान का कटोरा बनाने की जरूरत : राहुल गांधी

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रायपुर। किसान आभार सम्मेलन और कृषि ऋण मुक्ति कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और सांसद राहुल गांधी ने किसानों को कृषि ऋण मुक्ति प्रमाण पत्र तथा धान के बढ़े हुए समर्थन मूल्य का प्रमाण पत्र प्रदान किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य सरकार ने किसानों से कृषि ऋण माफ करने और धान का समर्थन मूल्य दस दिनों के भीतर बढ़ाने का जो वादा किया था, उसे पूरा करने के लिए मात्र दो घंटे का समय लिया। शपथ ग्रहण के बाद केबिनेट की बैठक कर किसानों को लाभान्वित करने के लिए ये दो निर्णय तत्काल लिए गए। इसके तहत प्रदेश की 16 लाख 56 हजार किसानों का 6100 करोड़ रूपए अल्पकालीन कृषि ऋण माफ किया गया, धान का समर्थन मूल्य बढ़ाकर 2500 रूपए किया गया। उन्होंने यह भी बताया कि इसी तरह 15 वर्षों की लंबित 207 करोड़ रूपए की सिंचाई कर की राशि माफ की गई है और तेन्दूपत्ता संग्रहण की दर 2500 रूपए से बढ़ाकर 4000 रूपए की गई है। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सांसद राहुल गांधी ने कहा कि यह बेहद खुशी की बात है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के केबिनेट ने अपने शपथ ग्रहण करने के उपरान्त किसानों के कर्जमाफी करने और धान का समर्थन मूल्य बढ़ाकर दो हजार 500 रूपए प्रति क्विंटल करने का निर्णय लेने में 24 घंटे का समय भी नहीं लगाया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ अभी तक देश के लिए धान का कटोरा था, अब इसे दुनिया के लिए धान का कटोरा बनाने की जरूरत है। इसी तरह राज्य को सब्जियों, फल और अनाज उत्पादन क्षेत्र में भी भरपूर बढ़ावा दिया जाएगा और यहां खाद्य प्रसंस्करण को व्यापक रूप से बढ़ाया जाएगा। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत, सांसद पी.एल. पुनिया एवं मोतीलाल वोरा, अनेक मंत्रीगणों और विधायकों ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि 30 नवम्बर 2018 पर बकाया अल्पकालीन कृषि ऋण माफी के निर्णय का क्रियान्वयन दस दिनों के भीतर पूरा कर लिया गया है। इसके तहत प्रथम चरण में एक नवम्बर 2018 से 24 दिसम्बर 2018 तक लिकिंग के माध्यम से राज्य की 1276 सहकारी समितियों की तीन लाख 57 हजार किसानों से वसूल की गयी 1248 करोड़ अल्पकालीन कृषि ऋण राशि उनके बचत खातों में वापस कर दी गई है।