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जानें फिल्म “मणिकर्णिका” और “ठाकरे” की अब तक कितनी हुई कमाई

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गणतंत्र दिवस के मौके पर रिलीज़ हुई कंगना रनौत की ‘मणिकर्णिका’ और नवाजुद्दीन की फिल्म
‘ठाकरे’ की पकड़ बॉक्स ऑफिस पर कमजोर होती जा रही है। फिल्म को रिलीज हुए महज चार दिन हुए हैं और बीते दो दिनों से दोनों ही फिल्मों के कलेक्शन में गिरावट देखी जा रही है।
गणतंत्र दिवस पर फिल्म के कलेक्शन में थोड़ी मजबूती आई थी लेकिन उसके बाद लगातार गिरावट देखी जा रही है। तो चलिए आपको बताते हैं कि कंगना रनौत की फिल्म ‘मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी’ और नवाजुद्दीन की ‘ठाकरे’ का कलेक्शन चौथे दिन कैसे रहा।  मणिकर्णिका के चौथे दिन का कलेक्शन महज 5.10 करोड़ रहा। इस फिल्म ने शुक्रवार को 8.75 करोड़, शनिवार को 18.10 करोड़, रविवार को 15.70 और सोमवार को 5.10 करोड़ का कलेक्शन किया। यानी कि फिल्म चार दिनों में कुल अब तक कुल 47.65 करोड़ का कलेक्शन कर पाई, ‘ठाकरे’ फिल्म का भी बॉक्स ऑफिस पर ऐसा ही हाल रहा। फिल्म ने पहले दिन 6 करोड़, दूसरे दिन 10 करोड़ और तीसरे दिन 6.90 करोड़ का कलेक्शन किया। यानी तीन दिन में ठाकरे फिल्म ने कुल 22.90 करोड़ का कलेक्शन किया। चौथे दिन के कलेक्शन का अनुमान 3 करोड़ है। 

अयोध्‍या स्‍थल : महज 0.313 एकड़ भूमि पर फंसा पेंच

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मोदी सरकार ने अयोध्या मामले में मंगलवार को बड़ा निर्णय लेते हुए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर मांग की कि अयोध्या की गैर-विवादित जमीनें उनके मूल मालिकों को लौटा दी जाएं। 1991 से 1993 के बीच केंद्र ने विवादित स्थल और उसके आसपास की करीब 67 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया था।जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने 2003 में यथास्थिति बरकरार रखने के निर्देश दिए थे। विश्व हिंदू परिषद ने मोदी सरकार के इस कदम का स्वागत किया है। संगठन ने कहा है कि सरकार ने अब सही दिशा में कदम उठाया है।

अयोध्या में 2.77 एकड़ की जमीन पर राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद का विवाद है। रामलला अभी इसी जमीन पर विराजमान हैं। केंद्र ने अपनी अर्जी में कहा कि हमने 2.77 एकड़ की विवादित भूमि समेत कुल 67 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था। अब हम अतिरिक्त जमीन उनके मूल मालिकों को लौटाने की अनुमति चाहते हैं और यथास्थिति बरकरार रखने के 2003 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले में बदलाव चाहते हैं। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट के 1994 के फैसले का भी हवाला दिया। केंद्र ने अपनी अर्जी में कहा कि इस्माईल फारुकी केस में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर केंद्र चाहे तो सेंट्रल एरियाज ऑफ अयोध्या एक्ट के तहत मूल विवाद के 0.313 एकड़ इलाके के अलावा अतिरिक्त अधिग्रहित जमीनें उनके मूल मालिकों को लौटा सकताहै।

सीआरपीएफ जवानों को सामान सप्लाई करने जा रहे वाहन पर नक्सलियाें ने किया हमला

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रायपुर. नक्सलियों ने मंगलवार सुबह सीआरपीएफ जवानाें को सामान सप्लाई करने वाले वाहन पर अचानक हमला कर दिया। सड़क के दोनों ओर और पहाड़ों पर खड़े नक्सलियों ने तीर चलाए। हमले में वाहन का चालक घायल हो गया। सूचना पर जवानों ने इलाके में सर्चिंग तेज कर दी है।जानकारी के मुताबिक, खाने और अन्य सामान लेकर जवानों को सप्लाई करने के लिए सुब्रत मंगलवार सुबह करीब 8 बजे पिकअप लेकर सीआरपीएफ कंप कोंदापारा, कोंडासावली और कमलपोस्ट जा रहा था।  अभी वो अरनपुर थाने से करीब दो किमी आगे पहुंचा ही था कि सड़क पर अचानक पेड़ गिराकर नक्सलियों ने उसका रास्ता रोकने की कोशिश की। पेड़ गिरता देख सुब्रत ने खतरे को भांपते हुए पिकअप वाहन तेजी से घुमा दिया और लौटने लगा। इस दौरान सड़क के किनारे और पहाड़ पर खड़े नक्सलियों ने उस पर तीरों से हमला कर दिया। इस हमले में दो तीर चालक को लग गए। किसी तरह वो वाहन लेकर अरनपुर थाने पहुंचा और पुलिस को सूचना दी। वहीं चालक की हालत ठीक बताई जा रही है। इसके बाद पुलिस के साथ मिलकर सीआरपीएफ  जवान मौके पर सर्चिंग ऑपरेशन चला रहे हैं। हालांकि इसके बाद नक्सली मौके से भाग निकले हैं। पहाड़ पर और ऊंचाई होने के चलते जवानों को थोड़ी दिक्कत आ रही है। घटना की पुष्टि अरनपुर थाना टीआई सोन सिंह सोढ़ी ने की है। 

इंजी. शैलेन्द्र शुक्ला ने पॉवर कंपनीज छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष का पदभार संभाला

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रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन के ऊर्जा विभाग के आदेशानुसार छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनीज के अध्यक्ष पद पर मंगलवार को इंजी. शैलेन्द्र कुमार शुक्ला ने पदभार ग्रहण कर लिया। पद भार ग्रहण उपरांत उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी की मंशानुरूप ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ को बिजली के बूते साकार करना और राज्य शासन के रीति नीति के अनुरूप विद्युत विकास के मामले में छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी बनाये रखना उनकी प्राथमिकता होगी। नई पदस्थापना के पूर्व इंजी. शुक्ला हरियाणा राज्य नवीकरण ऊर्जा एजेंसी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। नवनियुक्त अध्यक्ष इंजी. शुक्ला को विद्युत सेवा भवन में पॉवर कंपनीज के प्रबंध निदेशक श्रीमती तृप्ति सिन्हा, के.आर.सी. मूर्ति सहित डॉयरेक्टर जी.सी. मुखर्जी, एच.आर.नरवरे, ओ.सी.कपिला, अजय दुबे, महाप्रबंधक एम.जेड. रहमान एवं अन्य अधिकारी कर्मचारी तथा विभिन्न श्रमिक संघ-संगठनों के प्रतिनिधियों ने बधाई एवं शुभकामनाएं दी। विदित हो कि 5 फरवरी 1960 को बिलासपुर में हरिभूषण शुक्ला के परिवार में आपका जन्म हुआ। आपने स्कूली शिक्षा के साथ ही ग्यारहवीं की परीक्षा बिलासपुर से उत्र्तीण करने के उपरांत इंजीनियरिंग कालेज जबलपुर
से बी.ई. (गोल्ड मेडलिस्ट) की उपाधि प्राप्त की है। आपने अपने बीते 37 वर्ष के सेवाकाल में वल्लभ भवन भोपाल में ओ.एस.डी. के पद सहित जबलपुर, जगदलपुर, रीवा, सतना में विभिन्न पदों पर तथा छत्तसीगढ़ गठनोपरांत मंत्रालय में ओ.एस.डी. के पद पर अपनी सफलतम सेवायें दी है।

मनोहर पर्रिकर से गोवा में मिले राहुल गांधी

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पणजी। राफेल डील पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ऊपर हमला करने के महज 24 घंटे के भीतर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को पणजी स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में मनोहर पर्रिकर से मुलाकात की। बाद में ट्वीटर पर पोस्ट करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा-आज सुबह मैनें गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर से मुलाकात की और उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की। यह व्यक्तिगत मुलाकात थी। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई जब एक दिन पहले ही राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस द्वारा राफेल मुद्दे पर केंद्र सरकार पर हमला करने लिये उद्धरित गोवा आॅडियो टेप प्रामाणिक हैं और गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के पास इस मुद्दे से जुड़े धमाका करने वाले राज हैं। गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा के संबोधन के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित होते ही राहुल गांधी दोपहर के करीब विधानसभा परिसर पहुंचे। कांग्रेस के विधायकों ने राज्यपाल के अभिभाषण का बहिषकार किया। वहां पहुंचने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री के चैम्बर में उनसे मुलाकात की। इसके बाद वह कांग्रेस विधायकों से 10 मिनट मुलाकात करने के बाद वहां से चले गये। कांग्रेस अध्यक्ष ने पत्रकारों से बात करने से इनकार कर दिया और कहा कि उन्हें देरी हो रही है। राहुल गांधी के साथ पर्रिकर से मिलने पहुंचे गोवा विधानसभा में विपक्ष के नेता चंद्रकांत कावलेकर ने कहा, यह पर्रिकर की तबीयत जानने के लिये हुई शिष्टाचार मुलाकात थी। उनका हाल-चाल जानने के अलावा कोई और बातचीत नहीं हुई। राहुल गांधी अपनी मां सोनिया गांधी के साथ गोवा के निजी दौरे पर हैं।

Tax में छूट के लिए इनवेस्टमेंट में न दिखाएं जल्दबाजी

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नई दिल्ली। वित्तीय वर्ष के आखिरी महीनों के आते ही सभी वेतनभोगी टैक्स बचाने के लिए नए निवेश की जुगत में लग जाते हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि नए निवेश को लेकर जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। अगर आप सिर्फ टैक्स बचाने की आपाधापी में कोई भी योजना चुनते हैं इससे आपकी गाढ़ी कमाई फंस सकती है। ऐसे में सबसे पहले आकलन करें कि आप कितनी बचत आप कुल आय में कर सकते हैं। आप कितनी अवधि तक निवेश चाहते हैं और लक्ष्य क्या है। अंत में यह तय करें कि सुरक्षित निवेश के तहत परंपरागत स्कीम या बाजार में जोखिम से जुड़ी योजना में निवेश चाहते हैं। सबसे पहले यह आकलन कर लें कि आपने अब तक जो निवेश किया है, उसमें कौन-कौन सा 80सी के दायरे में है। इससे आपको यह पता लग जाएगा कि कितना और निवेश धारा 80सी के तहत किया जा सकता है। कई बार जल्दबाजी में आप नया निवेश करते हैं, लेकिन धारा80सी के तहत कटौती की सीमा आप पार कर चुके होते हैं। ऐसे में पहले ही आकलन करना जरूरी है। ध्यान रखें कि ईपीएफ अंशदान की भी इसी में गणना होती है। 80सी, 80 डी या अन्य योजनाओं में निवेश की पूरी रकम को कुल आय में घटाकर आप जान सकते हैं कि कितना आय करयोग्य है। अगर इसके बाद भी आपकी आय टैक्स छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये से ज्यादा आती है तो टैक्स सेविंग की जरूरत है। अगर 80सी में और टैक्स बचाने की गुंजाइश है तो ही उसमें निवेश करें। धारा 80सी के तहत आप 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर कर छूट का दावा कर सकते हैं। लघु अवधि की योजनाओं में एनएससी, एफडी या वरिष्ठ नागरिक बचत जैसी योजनाएं हैं। वहीं पीपीएफ और एनपीएस में निवेश लंबे समय का होता है। अगर बाजार में पैसा लगाने के इच्छुक हैं तो इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम सबसे अच्छा विकल्प है। अगर आपका होम लोन चल रहा है तो उस पर भी कर छूट का दावा कर सकते हैं। एनपीएस में निवेश कर धारा 80सीसीडी(1बी) के तहत 50 हजार रुपये की अतिरिक्त बचत की जा सकती है।

कैबिनेट मीटिंग के बाद सीएम योगी ने किया संगम में स्नान

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प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कुंभ मेला प्रयागराज में ऐतिहासिक कैबिनेट बैठक बुलाई थी। बैठक से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कैबिनेट मंत्रियों ने अक्षयवट और बड़े हनुमान मंदिर का दर्शन किया। योगी आदित्यनाथ ने हनुमान जी का दुग्धाभिषेक किया। बैठक में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या, डॉ दिनेश शर्मा, सुरेश खन्ना, सूर्य प्रताप शाही, सिद्धार्थ नाथ सिंह, सतीश महाना, डॉ रीता जोशी समेत मंत्रिमंडल के अन्य वरिष्ठ सदस्य मौजूद रहे। कुंभ के इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर में होने वाली इस कैबिनेट बैठक के लिए ज्यादातर मंत्री सोमवार को ही प्रयागराज पहुंच गए थे। पिछली कैबिनेट में 10 फीसदी आरक्षण को लेकर प्रस्ताव पर चर्चा के बाद उसको सैद्धांतिक मंजूरी दी गई थी। बैठक खत्म होने के बाद सीएम योगी में गंगा एक्सप्रेस वे का ऐलान किया। यह 600 किमी लंबा दुनिया का सबसे बड़ा एक्सप्रेस वे मेरठ से प्रयागराज के बीच बनेगा। साथ ही यूपी में फिल्म उरी को भी ट्रेक्स फ्री करने का भी ऐलान किया गया।

लक्ष्य पकड़ में आएगा तो उसी से हमें नए लक्ष्य की प्रेरणा मिलेगी : मोदी

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि एक-आध परीक्षा में कुछ इधर-उधर हो जाए तो जिंदगी ठहर नहीं जाती, जिंदगी में हर पल कसौटी जरूरी है, ऐसे में कसौटी के तराजू पर नहीं झोंकने पर जिंदगी में ठहराव आ जायेगा। प्रधानमंत्री ने छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों से परीक्षा पे चर्चा में अपने संवाद में यह बात कही। दिल्ली में यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी कर रहे एक छात्र ने मोदी से पूछा था कि बच्चों से माता-पिता की अपेक्षाएं काफी होती है, वैसी ही स्थिति उनके (प्रधानमंत्री) समक्ष है जहां देशवासियों को उनसे कुछ ज्यादा ही अपेक्षाएं हैं, इस बारे में वह क्या कहेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक कविता में लिखा है कि, कुछ खिलौनों के टूटने से बचपन नहीं मरा करता है। इसमें सबके लिए बहुत बड़ा संदेश छुपा है। पीएम मोदी ने कहा, एक-आध परीक्षा में कुछ इधर-उधर हो जाए, तो जिंदगी ठहर नहीं जाती है । लेकिन जीवन में हर पल कसौटी जरूरी है। अगर हम अपने आप को कसौटी पर नहीं कसेंगे तो आगे नहीं बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि अगर हम अपने आपको कसौटी के तराजू पर झोंकेंगे नहीं तो जिंदगी में ठहराव आ जायेगा। जिÞन्दगी का मतलब ही होता है गति, जिÞन्दगी का मतलब ही होता है सपने। ठहराव जिंदगी नहीं है। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में छात्रों, शिक्षकों के साथ संवाद में प्रधानमंत्री ने कहा कि कसौटी बुरी नहीं होती, हम उसके साथ किस प्रकार से निपटते हैं उस पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा, मेरा तो सिद्धांत है कि कसौटी कसती है, कसौटी कोसने के लिए नहीं होती है । लक्ष्य हमारे सामर्थ्य के साथ जुड़ा होना चाहिए और अपने सपनों की ओर ले जाने वाला होना चाहिए। पीएम ने कहा कि लक्ष्य ऐसा होना चाहिए जो पहुंच में तो हो, पर पकड़ में न हो। जब हमारा लक्ष्य पकड़ में आएगा तो उसी से हमें नए लक्ष्य की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि हम कई बार कुछ न करने के लिये बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी को ओलंपिक में जाना हो, लेकिन उसने गांव, तहसील, इंटर स्टेट, नेशनल नहीं खेला हो और फिर भी ओलंपिक जाने के सपने देखेगा तो कैसे चलेगा। लक्ष्य के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि निशान चूक जाएं तो माफ हो सकता है लेकिन निसान नीचा हो तो कोई माफी नहीं, लक्ष्य ऐसा होना चाहिये जो पहुंच में हो लेकिन पकड़ में न हो। लक्ष्य हमारे सामर्थ्य के साथ जुड़ा होना चाहिए और अपने सपनों की ओर ले जाने वाला होना चाहिए।

दिनभर थकान लगे, तो समझें बढ़ गई है शुगर

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नई दिल्ली। अगर दिन खत्म होते-होते आपको कुछ न कुछ मीठा खाने की इच्छा जरूर होती है या फिर अगर आप बिना मीठा खाए रह नहीं पाते तो यह चीनी के नशे का सामान्य लक्षण है। इसके अलावा अगर आपको दिन भर थकान महसूस होती है, ज्यादा प्यास लगती है, बार-बार पेशाब लगती है, भूख ज्यादा लगती है, चिड़चिड़ापन महसूस होता है या फिर धुंधला दिखने लगता है तो यह सब इस बात का संकेत है कि आपके शरीर में शुगर की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ गई है। हम आपको शुगर से होने वाली समस्याओं के साथ-साथ उस डायट के बारे में भी बता रहे हैं जिसे फॉलो कर बिना दवा के डायबिटीज कंट्रोल में रहेगा।
शुगर बढ़ने से होती हैं ये समस्याएं

  • ज्यादा चीनी खाने से टेस्ट बड्स मर जाते हैं। समय के साथ चीनी टेस्ट बड्स को सुन्न कर देती है, इसलिए मीठे स्वाद के लिए उन्हें ज्यादा चीनी खाने की इच्छा होती है।
  • चीनी में फाइबर और प्रोटीन नहीं होता, केवल कैलरीज होती है। इसके कारण यह शरीर में ज्यादा इंसुलिन स्रावित करता है जो वजन बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होता है।
  • जब आप चीनी खाते हैं, तो ब्लड शुगर जल्दी बढ़ता है। बुरे ब्लड शुगर से कॉग्निशन का खतरा होता है। इससे दिमाग खाना खाने के बाद भी शांत नहीं हो पाता है।
  • ज्यादा बार बीमार पड़ना इस बात का संकेत है कि आपको चीनी के सेवन की मात्रा घटानी चाहिए। दरअसल यह आपकी इम्यूनिटी को कमजोर कर बीमारियों से लड़ने की क्षमता को घटाती है।
    शुगर का स्तर बढ़ने की वजहें
  • -लगातार काम करना
  • -दवाई या इंसुलिन का डोज पर्याप्त न होना
  • -डाइट कंट्रोल में नहीं होना
  • -एक्सर्साइज नहीं करना
  • -बॉडी में इन्फेक्शन होना
  • -ज्यादा तनाव लेना
    शरीर पर क्या होता है असर
  • -रेटिना पर असर होता है।
  • -किडनी पर असर होता है।
  • -यूरिन में प्रोटीन आने लगता है।
  • -नसों पर भी इसका असर होता है।
  • -हार्ट पर बुरा असर होता है।
    हर 3-4 घंटे में थोड़ा-थोड़ा खाएं
    डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए एक्सर्साइज और दवाओं के साथ डायट और खाने का तरीका भी बेहद अहम है। डायबीटीज के मरीजों को हर 3-4 घंटे में थोड़ा थोड़ा खाना चाहिए। साथ ही स्ट्रिक्ट डायट प्लान फॉलो करना चाहिए। ऐसा करने से दवा से पहले डायबीटीज को डायट के जरिये ही कंट्रोल किया जा सकता है।

टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड में दूसरी बार जीती वनडे सीरीज

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माउंट माउनगुई। टीम इंडिया ने सोमवार को बे-ओवल मैदान पर जारी तीसरे वनडे मैच में न्यूजीलैंड को सात विकेट से हराकर पांच वनडे मैचों की सीरीज अपने नाम कर ली. न्यूजीलैंड टीम के दिए 244 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए. टीम इंडिया ने 43 ओवरों में ही लक्ष्य हासिल कर लिया. टीम इंडिया के रोहित शर्मा ने सबसे ज्यादा 62 रन बनाए. उनके अलावा विराट कोहली (60) अंबाती रायडू (40 नाबाद) और दिनेश कार्तिक (38 नाबाद) का भी खास योगदान रहा. न्यूजीलैंड के लिए ट्रेंट बोल्ट सबसे सफल गेंदबाज रहे उन्होंने 10 ओवर में 40 रन देकर दो विकेट लिए. 244 रनों का पीछा करते हुए टीम इंडिया को रोहित और शिखर धवन ने मजबूत शुरूआत दी और पहले पांच ओवरों में 31 रन जोड़े. 9वें ओवर में शिखर धवन स्लिप पर कैच हो गए, लेकिन इसके बाद रोहित शर्मा के साथ विराट कोहली ने 113 रनों की साझेदारी कर टीम इंडिया को मजबूती दे दी. पहले रोहित 29वें ओवर में 62 रन बनाकर आउट हुए उसके बाद विराट कोहली 32वें ओवर में 60 रनों की पारी खेलकर आउट हुए. विराट आउट होने से पहले टीम को मजबूत स्थिति (32वें ओवर में 168 रन) में पहुंचा चुके थे. रॉस टेलर (93) और टॉम लाथम (51) की अर्धशतकीय पारियों से न्यूजीलैंड ने भारत को 244 रनों का लक्ष्य दिया. न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लेते हुए सभी विकेट गंवाकर 243 रनों का स्कोर बनाया. भारतीय टीम के गेंदबाजों के आगे कमजोर नजर आई न्यूजीलैंड के लिए पारी की शुरूआत ही अच्छी नहीं रही. भारत के लिए इस पारी में सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज मोहम्मद शमी ने कोलिन मुनरो (7) को रोहित शर्मा के हाथों कैच आउट कर मेजबान टीम का पहला विकेट गिरा दिया. न्यूजीलैंड ने इसके बाद 59 के स्कोर तक मार्टिन गप्टिल (13) और कप्तान केन विलियमसन (28) के रूप में अपने दो और विकेट गंवाए. गप्टिल को भुवनेश्वर ने पवेलियन का रास्ता दिखाया. वह विकेट के पीछे खड़े दिनेश कार्तिक के हाथों लपके गए. इसके बाद, विलियमसन भी युजवेंद्र चहल की गेंद पर प्रतिबंध से वापसी करने वाले खिलाड़ी हार्दिक पांड्या के हाथों लपके गए.
अपने तीन विकेट खो चुकी न्यूजीलैंड को टेलर और लाथम ने संभालने की कोशिश की. दोनों ने 119 रनों की शतकीय साझेदारी से टीम को 178 के स्कोर तक पहुंचाया लेकिन इसी स्कोर पर चहल ने इस साझेदारी को तोड़ दिया. चहल ने लाथम को अंबाती रायडू के हाथों कैच आउट करा पवेलियन की राह दिखाई. इसके बाद एक छोर पर टीम की पारी को संभाले खड़े टेलर का साथ देने आए बल्लेबाजों को भारतीय गेंदबाजों ने मैदान पर टिकने का भी मौका नहीं दिया. पांड्या ने पहले हैनरी निकोल्स (6) को और इसके बाद मिशेल सैंटनर (3) को विकेट के पीछे खड़े कार्तिक के ही हाथों कैच आउट कर मेजबान टीम के दो और विकेट चटका दिए. इसके बाद, शमी ने बड़ी सफलता हासिल की और न्यूजीलैंड की आशा बनकर खड़े टेलर को 222 के स्कोर पर पवेलियन की राह दिखा दी. वे भी कार्तिक के हाथों लपके गए. टेलर ने अपनी पारी में 106 गेंदों का सामना किया और नौ चौके लगाए. उनका विकेट गिरने के बाद न्यूजीलैंड की टीम पूरी तरह से बिखर गई. मेजबान टीम के आखिरी तीन बल्लेबाजों- ईश सोढी (12), डग ब्रैसवेल (15) और ट्रैंट बाउल्ट (2) ने कुल 21 रन जोड़े और टीम 243 के स्कोर पर ढेर हो गई. इस पारी में शमी ने सबसे अधिक तीन विकेट लिए, वहीं भुवनेश्वर कुमार, युजवेंद्र चहल और पांड्या को दो-दो सफलताएं मिलीं. न्यूजीलैंड के खिलाड़ी ब्रैसवेल रन आउट हुए.