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ऐसे लोगों की कहानियां, जिन्होंने सबको कोरोना के खतरे से बचाया

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस के तेजी से फैलने के चलते सरकार के निर्देश हैं कि जो भी विदेश से आ रहे हैं, वह खुद को 14 दिनों के लिए सेल्फ क्वारेंटाइन में रखें। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि कोरोना वायरस से भारत में अब तक 600 से भी अधिक लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें से 10 की मौत भी हो चुकी है। दुनिया भर में इसका संक्रमण 4.65 लाख लोगों में फैल चुका है और 21 हजार से भी अधिक लोग मारे जा चुके हैं। इस संक्रमण को रोकने के लिए इस चेन को तोड़ना बहुत जरूरी है।
बहुत से लोग बात मान रहे हैं और अपने और अपने परिवार के साथ-साथ समाज की सुरक्षा के लिए खुद को सबसे अलग कर रहे हैं। लेकिन कई ऐसे भी लोग हैं जो ये बात छुपा रहे है कि वह विदेश से लौटे हैं। हाल ही में गायिका कनिका कपूर भी विदेश से लौटी थीं, लेकिन उन्होंने खुद को क्वारेंटाइन में रखने के बजाय पार्टी की और लोगों से मिलीं। ऐसे लोगों के लिए केरल को कोझिकोड में रहने वाले रफीक एक अच्छे उदाहरण हैं, जिन्होंने खुद को सेल्फ क्वारेंटाइन में रखा गया है।
कैसे अपनी बेटी के साथ दूर से ही खेलते हैं रफीक
रफीक दुबई से लौटे हैं और उन्होंने खुद को सेल्फ क्वारेंटाइन में रखा है। वह अपनी छोटी सी बेटी के साथ दूसरी छत से बात करते हैं। उन्होंने अपनी बेटी के साथ खेलने का एक टिकटॉक वीडियो भी सोशल मीडिया पर अपलोड किया है। तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस को रोकने के लिए रफीक की तरह ही कदम उठाना होगा। उनसे एक शख्स ने सोशल मीडिया पर ही पूछा कि जब ऐसी स्थिति है तो वह दुबई से वापस ही क्यों आए, तो रफीक ने कहा कि जब ये 14 दिन खत्म हो जाएंगे, तो मैं 45 दिन तक अपनी बेटी के साथ समय बिता पाऊंगा। बता दें कि वह दुबई में एक शेफ हैं।
दूर से किया पिता का अंतिम संस्कार
तेंलगाना के कामारेड्डी जिले में 25 साल के एक शख्स हाल ही में अपने पिता के अंतिम संस्कार के लिए घर लौटे थे। उनके अनुसार उन्होंने दूर से अपने पिता का अंतिम संस्कार देखा। कुछ मेडिकल ऑफिसर उनसे मिलने भी आए थे और उन्हें सेल्फ क्वारेंटाइन की सलाह दी है।
कोरोना वायरस से बचने के लिए मास्क कितना जरूरी?
कोरोना वायरस के खौफ के चलते देश में मास्क खरीदने के लिए जबरदस्त मारामारी है। पर सवाल यह है कि हमें मास्क की जरूरत है भी या नहीं? इस विडियो में जानेंगे कि कोरोना वायरस से बचने के लिए मास्क पहनना कितना जरूरी है।
समाज, घर, डॉक्टर… सबको ख्याल रखा इस शख्स ने
ऐसी ही कहानी है केरल के कासरगोड में रहने वाले एक शख्स की। वह एक गल्फ देश से वापस लौटा है। गुवाहटी के एक स्कॉलर धीरज पलेरी ने उनकी कहानी बताई। जब वह तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर पहुंचा तो उसने खुद ही स्वास्थ्य अधिकारियों कहा कि वह एक कोरोना प्रभावित इलाके से लौटा है, इसलिए उसकी जांच की जाए। उसके बाद एक एंबुलेंस बुलाई और उसी घर तक गए और 18 हजार रुपए चुकाए। घर पहुंचने के बाद भी वह ना तो घर के अंदर घुसे, ना ही किसी से मिले। घर के बाहर ही एक छोटे से घर में रहने लगे, जहां बाद में स्वास्थ्य अधिकारियों ने पहुंचकर जांच की तो 2 दिन बाद पता चला कि वह कोरोना पॉजिटिव हैं। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कर दिया गया। इस तरह ना तो उन्होंने स्वास्थ्य विभाग पर कोई बोझ पड़ने दिया, ना ही किसी परिवार के सदस्य या समाज पर।
कोरोना के लक्षण दिखें तो ये कॉमन दवा खाने की गलती ना करें
ऐसे लोग जिनमें कोरोना वायरस के लक्षण हों, वे आई-ब्रूफेन (Ibuprofen) ना लें, इसकी जगह पेरासिटामोल (Paracetamol) का इस्तेमाल करें। फ्रांस के स्वास्थ्य मंत्री के इस दावे का समर्थन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी किया है। संयुक्त राष्ट्र के इस स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञों ने कहा है कि वे इस पर आगे भी निर्देश जारी करेंगे।
मलप्पुरम के शख्स ने भी निभाई जिम्मेदारी
एक अन्य फेसबुक यूजर डॉक्टर नेल्सन जोसेफ ने मलप्पुरम में रहने वाले एक शख्स की स्टोरी साझा की है, जो यूनाइटेड अरब अमीरात से लौटा है। घर जाने से पहले उसने सभी को बाहर निकलने के लिए कहा था। घर में पहुंचने के बाद वह दो दिन तक सेल्फ क्वारेंटाइन में रहा। वहां वह दो दिन रहा, जिसके बाद पता चला कि उसकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। इसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कर दिया गया।
सेलेब्रिटी का बेटा ऐसे है सेल्फ क्वारेंटाइन में
सेलेब्रिटीज भी छोटे-छोटे वीडियो बनाकर हाईजीन और सोशल डिस्टैंसिंग की बात लोगों तक पहुंचा रहे हैं। दक्षिण की एक्टर-डायरेक्टर सुहासिनी मणि रत्नम भी अपने बेटे नंदन की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर डाल रही हैं, जो हाल ही में लंदन से लौटा है। इस समय वह सेल्फ क्वारेंटाइन में है। कमरे के अंदर से ही नंदन लोगों को बता रहा है कि कैसे वह और उसका परिवार बचाव के तरीके अपना रहे हैं। सुहासिनी बताती हैं कि कैसे उनके बेटे में कोई भी लक्षण नहीं होने के बावजूद उन्होंने नंदन को सेल्फ क्वारेंटाइन में रखा है।
ये तो सिर्फ कुछ उदाहरण हैं, ऐसे बहुत से लोग हैं जो कोरोना वायरस के खतरे को गंभीरता से लेते हुए एक जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य निभा रहे हैं। हां ये भी सही है कि बहुत से लोग लापरवाही भी दिखा रहे हैं। ऐसे लोगों की वजह से अन्य कई लोग भी संक्रमित हो रहे हैं। कनिका कपूर और दिल्ली का केस नंबर-10 लापरवाही का सबसे बड़ा उदाहरण है।

डॉ. हेदीयो इंसान के रूप में एक फ़रिश्ता साबित हुए, ऐसे डॉक्टर को सलाम

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जकार्ता। यह इंडोनेशिया के डॉ. हेदियो अली की आख़री तस्वीर है जो कोरोना वॉयरस के मरीज़ों का ईलाज करते हुए खुद कोरोना से संक्रमित हो गये थे। यह मार्मिक तस्वीर त्याग की एक मिसाल है। जब उनको लगा के अब वह नहीं बचेंगे तो घर गए और गेट के बाहर खड़े होकर अपने बच्चों और प्रैग्नेंट बीवी को आख़री बार देखा और फिर चले गए, यह तस्वीर उनकी पत्नी ने ली थी जब वह अपने बच्चों को जी भरकर देखने और उनसे विदा लेने आये थे, वह दूर ही खड़े रहे क्योंकी वह नहीं चाहते थे कि उनके बीवी बच्चों तक कोरोना पहुंचे। डॉक्टर किसी भी तरह की बीमारी से बचने के लिए परिवार के साथ किसी भी तरह का संपर्क नहीं चाहते थे। गेट पर एक अजनबी की तरह दर्शक बने रहे। यह आखिरी मुलाक़ात थी। हमें इस युद्ध में नहीं हारना चाहिए। यह डॉक्टर इंडोनेशिया का हीरो है। वह नायक जिसने मृत्यु तक कई रोगियों का इलाज किया।

हरे निशान में खुला बाजार, सेंसेक्‍स हुआ 29 हजार के पार

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नई दिल्‍ली। कोरोना वायरस की बढ़ती महामारी के बीच सप्‍ताह के चौथे कारोबारी दिन गुरुवार को शेयर बाजार बढ़त के साथ खुला। बॉम्‍ब स्‍टॉक एक्‍सचेंज बीएसई का सेंसेक्‍स 221.87 अंक और 0.78 फीसदी की बढ़त के साथ 28,757.65 पर और नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज एनएसई का निफ्टी भी 41.35 अंक और 0.50 फीसदी की बढ़त के साथ 8,359.20 पर खुला।
खबर लिखे जाने तक सेंसेक्‍स 777.60 अंक और 2.73 फीसदी की बढ़त के साथ 29,331.90 पर तथा 2151.90 अंक और 2.60 फीसदी की बढ़त के साथ 8,533.75 पर कारोबार करते दिखा। कोरोना वायरस की महाहारी के बीच शेयर बाजार में बड़ी गिरावट के बीच सप्‍ताह का ये दूसरा दिन है, जब घरेलू शेयर बाजार बढ़त के साथ खुला। बुधवार को भी सेंसेक्स 1,861.75 अंक और 6.98 फीसदी बढ़कर 28,535.78 के स्‍तर पर और निफ्टी भी 496.75 अंक और 6.37 फीसदी उछलकर 8,297.80 के स्‍तर पर बंद हुआ था।

लगातार दसवें दिन नहीं घटा पेट्रोल और डीजल का भाव

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नई दिल्‍ली। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप की वजह से लगातार पेट्रोल-डीजल की मांग घटती जा रही है। अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में कच्‍चे तेल के दाम में बड़ी गिरावट के बावजूद, देशव्‍यापी लॉकडाउन की वजह से लोग घरों में कैद हैं, जिसकी वजह से तेल की मांग में गिरावट आ रही है। लेकिन, मांग में गिरावट के बावजूद ऑयल मार्केटिंग कंपनियां (ओएमसी) सस्ते कच्चे तेल का लाभ ग्राहकों तक नहीं पहुंचा रही है, जिसकी वजह से लगातार दसवें दिन गुरुवार को भी पेट्रोल-डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
इंडियन आॉयल की वेबसाईट के अनुसार दिल्‍ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्‍नई में ग्राहकों को पेट्रोल क्रमश: 69.59 रुपये, 75.30 रुपये, 72.29 रुपये और 72.28 रुपये प्रति लीटर के भाव पर मिल रहा है। साथ ही चारों महानगर में डीजल भी क्रमश: 62.29 रुपये, 65.21 रुपये, 64.62 रुपये और 65.71 रुपये प्रति लीटर के भाव पर बिक रहा है। इसके अलावा अलावा नोएडा में भी पेट्रोल का भाव 72.03 रुपये प्रति लीटर और डीजल 62.96 रुपये प्रति लीटर के भाव पर बिक रहा है।

लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था को हो सकता है 9 लाख करोड़ का नुकसान

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नई दिल्ली। विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिये देश भर में की गयी बंदी (लॉकडाउन) से अर्थव्यवस्था को 120 अरब डॉलर (करीब नौ लाख करोड़ रुपये) का नुकसान हो सकता है। यह भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के चार प्रतिशत के बराबर है। उन्होंने राहत पैकेज की जरूरत पर जोर देते हुए बुधवार को आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान में भी कटौती की। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक तीन अप्रैल को अगली द्वैमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के निष्कर्षों की घोषणा करने वाला है। विश्लेषकों का अनुमान है कि रिजर्व बैंक नीतिगत दर में बड़ी कटौती करेगा। यह भी मानकर चलना चाहिये कि राजकोषीय घाटा का लक्ष्य अब पार हो जाना तय है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिये तीन सप्ताह के लिये राष्ट्रव्यापी बंदी की घोषणा की है। शोध-सलाह कंपनी बार्कलेज ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिये वृद्धि दर के अनुमान में 1.7 प्रतिशत की कटौती कर इसके 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया है। उसने कहा कि हमारा अनुमान है कि राष्ट्रव्यापी बंदी की कीमत करीब 120 अरब डॉलर यानी जीडीपी के चार प्रतिशत के बराबर रह सकती है।
कंपनी ने कहा कि केंद्र सरकार की तीन सप्ताह की बंदी से ही 90 अरब डॉलर का नुकसान होगा। इसके अतिरिक्त महाराष्ट्र जैसे कई राज्य पहले ही बंदी कर चुके हैं, उससे भी नुकसान होगा। बार्कलेज ने यह भी कहा कि अप्रैल में रिजर्व बैंक रेपो दर में 0.65 प्रतिशत की कटौती करेगा तथा अगले एक साल में इसमें एक और प्रतिशत की कटौती की जाएगी। घरेलू शोध-सलाह कंपनी एमके ने अन्य देशों की तुलना में शीघ्रता से कदम उठाने को लेकर सरकार को बधाई देते हुए कहा कि इससे होने वाले आर्थिक नुकसान को कम करने के लिये उपाय नहीं किये गये हैं। उसने कहा कि सरकार बंदी के आर्थिक असर को लेकर अभी तक चुप ही रही है, असर को कम करने के उपायों को तो छोड़ ही दीजिये। कंपनी ने कहा कि नोटबंदी तथा माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दोहरी मार झेलने वाले असंगठित क्षेत्र पर इसका सर्वाधिक असर होगा। उसने छोटी कंपनियों को सस्ता कर्ज देने, कर्ज का पुनर्गठन करने तथा नकदी हस्तांतरण को सरकार के पैकेज के संभावित उपाय बताया।

आवश्यक सामान की कमी को लेकर अफवाहों पर अंकुश लगाए राज्य

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नई दिल्ली। देशभर में 21 दिन के लॉकडाउन (बंद) के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों से खाद्य पदार्थ और अन्य आवश्यक सामान की कमी के बारे में फैल रही अफवाहों पर अंकुश लगाने की खातिर कदम उठाने के लिए कहा है।
सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और डीजीपी को भेजे पत्र में मंत्रालय ने उनसे आशंकाओं को दूर करने और शांति एवं सामंजस्य बनाए रखने के लिए कार्रवाई करने तथा लोगों को खाद्य पदार्थ, दवाओं और अन्य आवश्यक सामान की उपलब्धता के बारे में सूचित करने के लिए कहा है। मंत्रालय ने कहा कि आपदा प्रबंधन कानून—2005 (बंद के लिए) के तहत जारी आदेश के मद्देनजर खाद्य तथा अन्य आवश्यक सेवाओं एवं सामान के अभाव समेत अन्य अफवाहें फैलने की आशंका है। पत्र में कहा गया है कि इस संदर्भ में यह आवश्यक है कि सभी राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रशासन सभी उपलब्ध माध्यमों के जरिए यह प्रचारित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं कि खाद्य पदार्थ, मेडिकल और अन्य आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति बरकरार रहेगी और देश में पर्याप्त सामान उपलब्ध हैं। मंत्रालय ने मुख्य सचिवों और डीजीपी से देश में कोविड-19 वैश्विक महामारी को रोकने के लिए 21 दिन की बंद की अवधि के दौरान उठाए जाने वाले कदमों पर जारी दिशा निर्देशों के प्रावधानों ओर सूचना का प्रचार करने का भी अनुरोध किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 21 दिन के बंद की घोषणा की थी। मोदी की घोषणा के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रव्यापी बंद लागू करने के लिए सख्त दिशा निर्देश जारी किए थे। मंत्रालय द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार, सभी सरकारी कार्यालय, राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों के कार्यालय, स्वायत्त संस्थान, सार्वजनिक निगम, वाणिज्यिक, निजी, औद्योगिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। इनमें कहा गया है कि हालांकि उचित मूल्य की दुकानें और भोजन, किराने का सामान, फल, सब्जियां, डेयरी, मांस, मछली, पशु चारे से संबंधित दुकानें खुली रहेंगी। दिशा निर्देशों के अनुसार, बैंक, बीमा कार्यालय, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया खुले रहेंगे। इसमें ई-कॉमर्स के जरिए खाद्य पदार्थ, दवाइयां, चिकित्सीय उपकरण मुहैया कराने को भी बंद से छूट है। इसमें कहा गया है, कि सभी प्राधिकारी यह संज्ञान में लें कि कड़ा प्रतिबंध लोगों की आवाजाही पर है न कि आवश्यक सामानों पर।
निजी एजेंसियों से छंटनी या वेतन कटौती न करने को कहा
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोरोना वायरस से लडऩे के लिए 21 दिन की लॉकडाउन (बंद) अवधि के दौरान निजी सुरक्षा एजेंसियों से सुरक्षाकर्मियों की छंटनी या उनके वेतन में कटौती न करने के लिए कहा है। सेंट्रल एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट सिक्योरिटी इंडस्ट्री, सीआईआई, फिक्की, एसोचैम तथा अन्य को लिखे पत्र में गृह मंत्रालय ने कहा कि भारत कोविड-19 के मद्देनजर पैदा हुई अभूतपूर्व स्थिति का सामना कर रहा है। इससे आर्थिक गतिविधि पर भी असर पड़ा है और ऐसी आशंका है कि दुकानों, मॉल्स तथा अन्य प्रतिष्ठान बंद होने के कारण निजी सुरक्षा एजेंसियों पर भी असर पड़ा हो। मंत्रालय ने अपने पत्र में कहा कि यह समय निजी सुरक्षा एजेंसियों के लिए मानवीय रुख अपनाने और अपने कर्मचारियों तथा स्टाफ के सदस्यों को छंटनी तथा आय में कटौती से बचाने का है।अत: इंडस्ट्री से अपने कार्यबल के प्रति हमदर्दी रखने और यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया जाता है कि इन कामगारों को ड्यूटी पर माना जाए और उसके अनुसार उनका वेतन देना जारी रखा जाए। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक महामारी से लडऩे के लिए मंगलवार को 21 दिन के बंद की घोषणा की थी।

ट्रेन कैंसिल होने पर आईआरसीटीसी यात्रियो के टिकटों का देगा पूरा पैसा

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नई दिल्ली। कोरोना को लेकर पूरे भारत में ट्रेन सेवा ठप है। ऐसे में भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) ने कहा है कि व उन ट्रेनों के लिए ऑनलाइन बुक किए गए टिकटों को रद्द न करें, यात्रियों को उनका पैसा खुद ही मिल जाएगा। इससे पहले रेलवे ने काउंटर टिकट रद्द करने के लिए 21 जून तक का समय तीन महीने के लिए बढ़ा दिया था।
आईआरसीटीसी ने यहां अपने एक बयान में कहा है कि रेलवे के यात्री ट्रेनों के बंद किए जाने के बाद ई-टिकट रद्द करने को लेकर संदेश जताया जा रहा है। जिसके बाद आईआरसीटीसी ने साफ कर दिया है कि यात्री की ओर से टिकट रद्द करने की कोई आवश्यकता नहीं है। यदि यात्री अपनी टिकट को रद्द करता है तो संभावना है कि उसे कम पैसा मिले। ऐसे में यात्रियों को सलाह दी जाती है वे उन ट्रेनों के लिए उन ट्रेनों के लिए टिकट रद्द न करें जिन्हें भारतीय रेलवे ने खुद ही रद्द किया हुआ है। रेलवे ने यात्रियों से कहा है कि ई-टिकट बुक कराने वाले यात्रियों को उनका पैसा खुद ब खुद उनके खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। इसके लिए यात्रियों को कुछ भी करने की जरूरत नहीं है। वहीं विंडो टिकट लेने वाले यात्रियों के लिए रेलवे ने स्टेशन पर काउंटर खोला हुआ है। बता दें कि कोरोना वायरस की वजह से 24 मार्च रात 12 बजे से पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा की गई है। सरकार ने इससे पहले ट्रेन और मेट्रो सेवा को 31 मार्च तक सस्पेंड करने का फैसला किया था। गौरतलब है कि लगभग पूरी दुनिया कोरोना वायरस की चपेट में आ चुकी है। कोरोना वायरस का संक्रमण देश में तेजी से फैल रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अभी तक देश में इससे 11 लोगों की मौत हो चुकी है। राजधानी में मौत का दूसरा मामला सामने आया। वहीं, तमिलनाडु में भी एक मौत हुई है। देश में कोविड-19 के मरीजों की संख्या बढ़कर 562 हो गई।

देश के 80 करोड़ लोगों को 2 रुपये प्रति किलो गेहूं

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कोरोना पर मोदी सरकार का बड़ा ऐलान
नई दिल्ली।
देश में बढ़़ते कोरोना के प्रकोप के बीच बुधवार को केंद्र की मोदी सरकार ने राशन को लेकर बड़ा ऐलान किया। कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि देश के 80 करोड़ लोगों राशन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि तीन महीने का राशन एडवांस दिया जाएगा।
कैबिनेट की बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि देश के 80 करोड़ लोगों को 7 किलो गेहूं और चावल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मसले पर केंद्र सरकार और राज्य सरकारें साथ मिलकर काम कर रही हैं। क्योंकि मूलरूप से इसका अमल राज्य सरकारों को ही करना है। केंद्र सरकार भी गरीबों के लिए काम कर रही है। केंद्र सरकार देश के 80 करोड़ लोगों को हर महीने 7 किलो प्रति व्यक्ति राशन देगी। सरकार 27 रुपये प्रति किलो खर्च होने वाली गेहूं 2 रुपये प्रति किलो में देगी और चावल 3 रुपये प्रति किलो देगी। इस पर 1 लाख 80 हजार करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। यह तीन महीने के लिए राज्यों को एडवांस में दिया जाएगा। कोरोना वायरस पर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए सामाजिक दूरी बनाकर रखें।
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इस बीमारी से लडऩे का तीन चार ही तरीके हैं। पहला घर में रहें, दूसरा कुछ भी काम करने से पहले हाथ धोना और बार-बार हाथ धोना। बुखार, सर्दी और खांसी में डॉक्टर के पास जाना है और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना है। इसे हमें अपने व्यवहार में रखना है। यह परिवार के साथ अच्छा वक्त बिताने का एक मौका भी है। उन्होंने कहा कि दुनिया में अब तक 16 हजार से अधिक की मौतें हुई हैं। चीन में 3267 से ज्यादा और इटली में 5 हजार से ज्यादा, ब्रिटेन में दो से ज्यादा और अमेरिका में 250 से अधिक लोग मरे हैं। यह दुखद कहानी है और पूरी विश्व पर यह संकट छाया है। इसलिए पीएम मोदी ने जो कहा, वह देशहित में है सबके हित में है।
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि आवश्यक सेवाओं की सभी दुकानें हर दिन खुली रहेंगी। दूध हो, पशुचारा हो, राशन हो या सभी दुकानें खुली रहेंगी। हमें पर दुकान पर जाकर भीड़ करने की जरूरत नहीं है। हमें वहां भी जाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना है। दो ग्राहकों के बीच कम से कम 6 फुट का अंतर हो। अगर ऐसा करते हैं तो किसी को डरने की जरूरत नहीं है।

महाभारत की तर्ज पर जीतेंगे कोरोना से युद्घ:मोदी

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पीएम का अपने संसदीय क्षेत्र से संवाद
पीएम बोले तब कृष्ण थे सारथी आज 130 करोड़ महारथी
नवरात्र पर लोगों से जरूरतमंदों की मदद करने का संकल्प लेने का आह्वïान
कोरोना वारियर्स के खिलाफ अशोभनीय बर्ताव पर जताया दुख
नई दिल्ली।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोना महामारी से उपजी चुनौतियों की तुलना महाभारत युद्घ से की है। अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लोगों से संवाद के दौरान पीएम ने कहा कि महाभारत के खिलाफ हमने 18 दिनों में युद्घ जीता था। अब कोरोना के खिलाफ 21 दिनों में युद्घ जीतने की कोशिश कर रहे हैं। पीएम ने यह भी कहा कि महाभारत युद्घ के दौरान भगवान कृष्ण ने सारथी की भूमिका निभाई अब इस युद्घ को हमें 130 करोड़ महारथियों की मदद से जीतना है।
संवाद के दौरान पीएम ने काशी की अतीत मेंं निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका की चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस चुनौती से पार पाने के लिए काशीवासियों की बहुत बड़ी भूमिका है। काशी का अनुभव शाश्वत, सनातन, समयातीत है और इसलिए वर्तमान लॉकडाउन की परिस्थिति में काशी देश को संयम, समन्वय, संवेदनशीलता के साथ सहयोग, शांति, सहनशीलता देश को सिखा सकती है।
आपदा को अवसर में बदलें
पीएम ने कहा कि यह आपदा बेहद बड़ी है। हालांकि आपदा को अवसर में बदलना ही मानव जीवन की विशेषता है। मानव जाति वैश्विक संकट से जीतने के लिए एक साथ आगे आई है। हमें पता होना चाहिए कि इस महामारी पर रोक लगाने के लिए कोई दवाई या वैक्सीन दुनिया में नहींं है। अपना देश और पूरी दुनिया इसके हल के लिए पूरी ताकत लगा रही है। फिलहाल सामाजिक दूरी ही इसका विकल्प है। हमें इसके प्रति अपना संकल्प मजबूत करना है।
कोरोना वारियर्स के साथ व्यवहार पर जताया दुख
पीएम ने कोरोना वारियर्स के साथ हुई कुछ घटनाओं पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि कुछ स्थानों से ऐसी घटनाओं की जानकारी भी मिली है, जिससे हृदय को चोट पहुंची है। मेरी सभी नागरिकों से अपील है कि अगर ऐसी कोई गतिविधि कहीं दिख रही है। कहीं आपको डॉक्टर, नर्स या मेडिकल स्टाफ के साथ कोई बुरा बर्ताव होता दिख रहा हो तो आप वहां जाकर लोगों को समझाएं। हमें समझना होगा कि ये लोग किन विकट परिस्थितियों में काम कर रहे हैं। अस्पतालों में मेडिकल स्टाफ 18-18 घंटे काम कर रहे हैं।
नवरात्र के जरिए अपील
पीएम ने इस दौरान नवरात्र के जरिए जरूरतमंदों के मदद की अपील की। उन्होंने कहा अभी नवरात्र शुरू हुआ है। अगर हम अगले 21 दिन तक, 9 गरीब परिवारों की मदद करने का प्रण लें, तो इससे बड़ी आराधना मां की क्या होगी। इसके अलावा आपके आसपास जो पशु हैं, उनकी भी चिंता करनी है। नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मां शैलपुत्री स्नेह, करुणा और ममता का स्वरूप हैं। उन्हें प्रकृति की देवी भी कहा जाता है। आज देश जिस संकट के दौर से गुजर रहा है, उसमें हम सभी को मां शैलपुत्री के आशीर्वाद की बहुत आवश्यकता है।

बड़ी खबर: छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस के 2 नए मरीज मिले, पीडि़तों की संख्या बढ़कर 3 हुई

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस से संक्रमित आज और दो नये मामले सामने आये है। इस तरह प्रदेश में कोरोना वायरस से पीडि़त लोगों की संख्या बढ़कर 3 हो गई है।
अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के सचिव से प्राप्त जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस से संक्रमित दो नए मरीज आज मिले है। इससे प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव्ह मरीजों की संख्या बढ़कर 3 हो गई है। 2 नये मामलों में एक रायपुर और एक मरीज राजनांदगांव में कोरोना पाजिटिव्ह पाया गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इनके उपचार की सभी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ये दोनों नए मरीज भी हाल ही में विदेश यात्रा कर लौटे है।